श्रीश उपाध्याय/मुंबई

अबू सलेम ने अब अपनी सजा में छूट और जेल से समय पूर्व रिहाई की मांग करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. 93 मुंबई ब्लास्ट मामले में उसे उम्र कैद की सजा मिली हुई है.
सलेम की याचिका के मुताबिक उसने जेल में अपने बीस साल की सजा पूरी कर ली हैं इसलिए उसे जेल से रिहा किया जाना चाहिए. सलेम का मानना है कि भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अनुसार उसे अधिकतम 25 साल तक जेल में रखा जा सकता है. यही कारण है कि उसने मुंबई उच्च न्यायालय से यह अपील भी की है कि उसकी सजा में छूट दी जाए. मुंबई उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख तय की है.
कुख्यात माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के दाहिने हाथ माने जाने वाले अबू सलेम को प्रत्यर्पण के जरिए पुर्तगाल से साल 2005 में भारत लाया गया था. अबू सलेम पर भारत में गंभीर अपराधों के तहत अनेक मामले दर्ज हैं. इनमें 1993 का मुंबई बम विस्फोट मामला भी शामिल है जिसमें अबू सलेम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सलेम को भारत भेजते समय पुर्तगाल ने यह शर्त रखी थी कि उसे फांसी की सजा नहीं दी जाएगी. जिसका पालन भारत सरकार ने पूरी तरह से किया.
अबू सलेम एक टैक्सी ड्राइवर और मैकेनिक से होता हुआ साल 1987 में दाऊद के संपर्क में आया था. उसने 1993 के मुंबई बम धमाकों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दाऊद इब्राहिम ने उसे फिल्मी दुनिया की अनेक हस्तियों से उगाही की जिम्मेदारी सौंप रखी थी. अबू सलेम का नाम कई बार कई फिल्मी हीरोइन से भी जुड़ा. फिलहाल अबू सलेम की याचिका पर 10 मार्च को मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई होगी .