मुंबई वार्ता संवाददाता

वेस्टर्न रेल्वे एंप्लॉइ यूनियन, अहमदाबाद के संयुक्त मंडल मंत्री संजय सूर्यबली ने बताया कि रेल्वे में कार्यरत दिहाड़ी मजदूरों को भी अब यूनियन का सदस्य बनाने की शुरुआत की गई है.
उन्होंने बताया कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना चुका हैं। यह तस्वीर अपने देश के मजदूरों स्थिति बयां करती है।एक समय था जब रेलवे ट्रैक के मरम्मत के कार्य में प्राइवेट ठेका मजदूर शायद ही दिखाई पड़ते थे। आज ट्रैक अनुरक्षण के कार्य में ठेका मजदूरों की बड़ी भागीदारी हो रही है।परंतु, इनकी स्थिति यह है कि नुकीले पत्थरों पर चलने के लिए पैर में “सेफ्टी- शू” तो छोड़ो,साधारण चप्पल तक नहीं है। दोपहर में गर्म होकर यह नुकीले पत्थर तलवार की धार की तरह हो जाते है। ऐसी परिस्थितियों में भी बहुत कम मजदूरी में काम कर रेल को चलाने में ये दिहाड़ी मजदूर अपनी अहम भूमिका निभा रहे है।
उन्होंने कहा कि, “मजदूरों के दर्द और पीड़ा को भी WREU ने पहचानने का काम किया है और इन्हें भी अपना सदस्य बनाने का अभियान शुरू किया है। यह स्वीकार है कि इन्हें न्यूनतम सुविधा और न्यूनतम वेतन दिलवाने के लिए भी हमें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। लेकिन हम इन्हें इनका हक दिलाने की पुरजोर कोशिश करेंगे।”