मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज में एक छात्र के साथ रैगिंग मामले में तीन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बीजे मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामले में तीन रेजिडेंट डॉक्टरों को ६ महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। निलंबित डॉक्टरों के कॉलेज और छात्रावास में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन डॉक्टरों पर शैक्षणिक और सम्मेलन कार्यक्रमों में शामिल होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है और प्रत्येक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
२८ अप्रैल को शिकायत मिलने के बाद जांच समिति ने ४ दिनों में गहन जांच की और यह कार्रवाई करने की अनुशंसा की। इसमें पाया गया है कि डॉ. अथर्व घोरपड़े, डॉ. गौरव तिवारी और डॉ. राहुल जाधव ने रैगिंग की थी। अप्रैल में यह बात सामने आई थी कि पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज में एक नामी शिक्षण संस्थान के संस्थापक के पोते के साथ रैगिंग की गई थी। छात्र बीजे मेडिकल कॉलेज में एमएस करने के लिए ऑर्थोपेडिक कोर्स का प्रथम वर्ष का छात्र है। उस पर उसी विभाग के दूसरे वर्ष के दो छात्रों ने रैगिंग का आरोप लगाया है।
इस बीच छात्र ने आरोप लगाया कि इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। मामले की जांच की जा रही है। १५ से २० लोगों की एक एंटी रैगिंग कमेटी बनाई गई। पता चला कि इस मामले में तीन छात्रों को निलंबित किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग में अध्ययनरत प्रथम वर्ष का यह छात्र अपने दो वरिष्ठ छात्रों के सिर पर कभी ठंडा पानी डालता था तो कभी गर्म पानी पिलाता था। लड़के ने पहले यह बात ऑर्थोपेडिक विभाग के प्रमुख डॉ. गिरीश बार्टके को बताई थी। हालांकि, लड़के का आरोप है कि उन्होंने इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया। बाद में यह बात ससून अस्पताल के डीन डॉ. एकनाथ पवार को भी बताई गई। हालांकि, उन्होंने इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया, इसलिए मेडिकल एजुकेशन विभाग, मुंबई में शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बाद मामले की जांच के लिए एक जांच समिति नियुक्त की गई। इस समिति की रिपोर्ट के बाद 3 छात्रों को छह महीने के लिए यानी कोर्स के एक टर्म के लिए निलंबित कर दिया गया है।