मुंबई वार्ता/हरीशचंद्र पाठक

२०२५ चैत्र नवरात्र के अंतिम तिथि श्रीराम नवमी को सनातनी धर्मपथ के तत्वाधान में अंधेरी पश्चिम, लोखंडवाला में आयोजित नवकुंडीय हवनात्मक सहस्त्रचंडी महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ। इस महायज्ञ का आयोजन, परम पूज्य धर्मदास शास्त्री के मार्गर्शन में किया गया।


बता दें कि शास्त्री पिछले १८ वर्षों से नवकुंडीय हवनात्मक सहस्त्रचंडी महायज्ञ का आयोजन लोखंडवाला में करते आ रहे हैं। इस यज्ञ में १०८ कन्याओं का पूजन किया गया और इस वर्ष लगभग ५० हज़ार से अधिक भक्तों ने मां के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया। साथ ही प्रतिदिन लगभग ३००० भक्तों के लिए सायंकाल में भोजन की व्यवस्था की गयी थी। धर्मदास शास्त्री कहते हैं, _”माँ भगवती का पूजन करने का उद्देश्य जीव मात्र का कल्याण एवं समाज मे परस्पर सद्भावना और सद्गुणों का विकास करना है। इस यज्ञ के माध्यम से करुणा, प्रेम, और दया की भावना जन जन में पैदा हो ऐसा मेरा असीम विश्वास है।”_नवकुंडीय हवनात्मक सहस्त्रचंडी महायज्ञ में ९ कुंडों की स्थापना की जाती है और प्रत्येक कुंड का अपना महत्व और फल होता है।
इन नौ कुंडों में प्रधान चतुरस्र कुंडम, योनि कुंडम, अर्धचंद्र कुंडम, त्रिकोण कुंडम, वृत्र कुंडम, षडस्त्र कुंडम, षटकोण कुंडम, पदम कुंडम, एवं अष्टास्त्र कुंडम आते हैं। लोखंडवाला अंधेरी में आयोजित नवकुंडीय हवनात्मक सहस्त्रचंडी महायज्ञ के आयोजक श्री अजय कॉल, अध्यक्ष – एकता मंच, प्रशांत काशिद, उपाध्यक्ष – एकता मंच, गिरीश शाह, मुख्य यजमान, एवं अध्यक्ष, भगवान गोठी पटेल की विशेष भूमिका रही। साथ ही श्री धर्मेंद्र यादव, उपाध्यक्ष सनातनी धर्मपथ, जितेंद्र पांडेय, अध्यक्ष, अनुभव फाउंडेशन, एवं संतोष यादव, अध्यक्ष, विराज फाउंडेशन का विशेष सहयोग रहा।