मुंबई वार्ता/ हरीशचंद्र पाठक

मुंबई में आज स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के शुभ अवसर पर, (जो कि राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है,) एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज (ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर) पूर्व ब्रह्मर्षि योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी महाराज को *”सनातन युवा योग रत्न”* सम्मान से विभूषित किया गया।
उन्हें यह सम्मान उनके द्वारा सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार, समाज सेवा, योग, संगीत, और अध्यात्मिक जागरूकता में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया गया। ब्रह्मर्षि योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी महाराज, जो श्री हरि नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक हैं और पालघर को केंद्र बनाकर पूरे देश में सेवा प्रदान कर रहे जहां पर जाकर इनकी सेवाओं से अवगत हुआ इनकी निष्ठा और समर्पण से समाज में सनातन धर्म और योग के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया है।”
ब्रह्मर्षि योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी का योगदान सनातन धर्म की गौरवशाली परंपरा को जीवंत बनाए रखने में अतुलनीय है। उनकी सेवा और तपस्या, समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। ‘सनातन योग रत्न’ सम्मान उनकी इस निष्ठा और धर्म सेवा का प्रतीक है।”
इस अवसर पर ब्रह्मर्षि योगीराज श्री भारत भूषण भारतेंदु जी महाराज ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा,”स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाएँ और उनके आदर्श हमारे जीवन को दिशा देने वाले दीपक हैं। युवाओं को अपने भीतर छिपे असीम सामर्थ्य को पहचानते हुए समाज और राष्ट्र के उत्थान में योगदान देना चाहिए।”
योगीराज का बांसुरी वादन लोगों को मंत्रमुग्ध किया। समारोह में विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, युवा कार्यकर्ता, और सनातन धर्म के अनुयायी उपस्थित थे। आयोजन स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों और उनके संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।