■ मुंबई और आसपास के 50 स्थानों पर सामूहिक गदा पूजन
■ हिंदुओं में शौर्य और सामर्थ्य जागृत करना लक्ष्य : डॉ. उदय धुरी
वरिष्ठ संवाददाता/ मुंबई वार्ता

हिंदू जनजागृति समिति तथा समान विचारधारा वाले हिंदुत्ववादी संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में हनुमान जन्मोत्सव पर सामूहिक गदा पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


मुंबई और आसपास के शहरों में 50 स्थानों समेत पूरे देश में 500 धार्मिक स्थलों पर वैदिक विधान से गदपूजन किया गया।
समिति के प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी ने कहा कि अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर रामराज्य की एक शुरुआत है, अब यह रामराज्य संपूर्ण राष्ट्र में स्थापित हो, इस संकल्प के साथ हिंदू समाज में शौर्य जागृत करने के उद्देश्य से श्री हनुमान जयंती के पावन अवसर पर हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों व श्रद्धालुओं के सहयोग से देशभर में 500 स्थानों पर सामूहिक गदा पूजन किया गया। इस कड़ी में मुंबई, ठाणे पालघर और रायगढ़ जिले के कई शहरों समेत 50 जगहों पर सामूहिक गदापूजन किया गया।


इसके तहत दक्षिण मुंबई के फोर्ट, माहिम, भांडुप, जोगेश्वरी, वसई, विरार, ठाणे, डोंबिवली, भिवंडी, बदलापुर, पनवेल, खोपोली, अलिबाग, नागोठणे, पाली आदि स्थानों पर हुए गदपूजन में युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद से हुआ। इसके बाद सामूहिक प्रार्थना, गदापूजन विधि, हनुमानजी की आरती, मारुति स्तोत्रपाठ तथा “श्री हनुमते नमः” नाम जप किया गया।
इस अवसर पर ‘रामराज्य की स्थापना हेतु श्री हनुमान के गुण कैसे आत्मसात करें’, इस विषय पर विद्वानों ने मार्गदर्शन किया। अंत में रामराज्य की स्थापना हेतु सामूहिक प्रतिज्ञा ली गई। हिंदू जनजागृति समिति पिछले तीन वर्षों से देश भर में सामूहिक गदापूजन कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
■ गदा अस्त्र ही नहीं धर्मरक्षा का भी प्रतीक
गदापूजन के पीछे की भूमिका पर डॉ. उदय धुरी ने कहा कि हनुमान जी की गदा केवल युद्ध का अस्त्र नहीं, बल्कि वह धर्मरक्षा का संकल्प, अन्याय के विरोध में खड़ा होने का प्रतीक तथा भगवान के कार्य के लिए निरंतर परिश्रम का प्रतीक है। अयोध्या में श्री राम लला का विराजमान होना एक ऐतिहासिक क्षण है, किंतु श्रीराम का कार्य अभी अधूरा है। मंदिर बन गया है, अब रामराज्य निर्माण का दायित्व हम सभी पर है। यह कार्य हनुमानजी की कृपा, शौर्य, निष्ठा, त्याग और सामर्थ्य के बिना संभव नहीं।