मुंबई वार्ता/हरीशचंद्र पाठक
रेल मंत्रालय जहां एक तरफ संपूर्ण देश में वंदेभारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेनों को चला रहा है और बुलेट ट्रेन चलाने की कवायद में जुटा हुआ है वहीं दूसरी तरफ मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले हार्बर मार्ग पर अनेक ठिकानों पर नागरिकों को आज भी जान हथेली पर रखकर रेल पटरी पार करनी पड़ रही है। इस कारण हार्बर मार्ग पर हर साल बड़े पैमाने पर रेल पटरी पार करने के दौरान दुर्घटनाएं हुआ करती हैं। फिर भी रेल मंत्रालय इन दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
ज्ञात हो कि मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले हार्बर मार्ग के चेंबूर, गोवंडी और मानखुर्द रेल स्टेशनों के बीच अनेक ठिकानों पर स्कूली बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों द्वारा सुबह से शाम तक खुले आम रेल पटरी पार करनी पड़ रही है। जिसके कारण हमेशा ही दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
मुंबई कांग्रेस के सचिव डॉ. सत्तार खान ने बताया कि वर्ष २००० में मध्य रेलवे प्रशासन और मनपा की ओर से संयुक्त अभियान चलाकर रे रोड से मानखुर्द स्टेशन के बीच रेल पटरियों की सीमा रेखा से दस मीटर के बीच आने वाले बड़ी संख्या में झोपड़ों को तोड़ा गया था। उसके बाद रेल पटरियों के किनारे सुरक्षा दीवारें बना दी गई थीं। लेकिन वर्तमान समय में चेंबूर, मानखुर्द महात्मा फुले नगर, महाराष्ट्र नगर में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, महिलाएं और वरिष्ठ नागरिकों को जान हथेली पर रखकर रेल पटरी पार करनी पड़ रही है।
डॉ. सत्तार खान ने यह भी बताया कि चेंबूर गायकवाड़ नगर के निवासियों द्वारा पिछले सात आठ सालों से यहां पर ओवर ब्रिज बनाने की मांग की जा रही है। लेकिन मनपा और रेल प्रशासन की ओर से अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। खान ने बताया कि गायकवाड़ के निवासियों को सुभाष नगर, चेंबूर आने जाने के लिए खुले आम रेल पटरी पार कर जाना पड़ता है। लेकिन पिछले दो माह पूर्व ओवर ब्रिज बनाने को कौन कहे रेल प्रशासन की ओर से नागरिकों के आने जाने वाले रास्ते पर गेट लगा दिया गया। जिसके कारण यहां के नागरिकों को नाले के ऊपर से आवागमन करना पड़ रहा है।