मुंबई वार्ता/ इंद्रीश उपाध्याय

महाराष्ट्र माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 विधेयक की धारा 73 के तहत, वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए कर मांगों से संबंधित ब्याज या जुर्माना या दोनों को माफ करने की माफी योजना लागू की गई है। राज्य और देय कर राशि के भुगतान की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने संबंधित व्यापारियों से इस अभय योजना का लाभ उठाने की अपील की है क्योंकि तय समय से पहले बकाया राशि का भुगतान करने पर इस पर सभी ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा।


इस अभय योजना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि, ” राज्य प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के तहत करदाताओं से लगभग एक लाख चौदह हजार आवेदन आने की उम्मीद है। विवादित रकम 54 हजार करोड़ रुपये है. इनमें विवादित टैक्स 27 हजार करोड़ रुपये और जुर्माने की रकम 27 हजार करोड़ रुपये है. पिछले अनुभव को ध्यान में रखते हुए, विवादित कर का लगभग 20 प्रतिशत योजना में जमा किया जाता है। इस योजना के अनुसार, लगभग 5 हजार 500 करोड़ से 6 हजार करोड़ रुपये की विवादित कर राशि एकत्र होने की उम्मीद है। इसमें से आधी राशि यानी 2 हजार 700 करोड़ से 3 हजार करोड़ राज्य सरकार को मिलेगी और बाकी राशि केंद्र सरकार के पास जमा होगी. इस योजना से व्यापारियों को करीब 5 हजार 500 से 6 हजार रुपये तक के ब्याज और जुर्माने से राहत मिलेगी.”
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हॉल में कहा कि,”करदाताओं, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और नागरिकों को सूचित करने के लिए इस अभय योजना का व्यापक रूप से प्रचार किया जा रहा है।”