■ आयुर्वेद, विश्व स्वास्थ्य का सेतु – AAPCON 2025 का सफल आयोजन
मुंबई वार्ता संवाददाता

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, “हमारा लक्ष्य 2030 तक आयुष क्षेत्र को 200 बिलियन डॉलर तक विस्तारित करना है, जो विश्वास, नवाचार और वैश्विक स्वीकृति पर आधारित विस्तार है।”मुंबई के ताज लैंड्स एंड में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन AAPCON 2025 – आयुर्वेद पर्व का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
आयुर्वेद: विश्व के लिए एक सेतु की अवधारणा के साथ, पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचार विधियों को आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के साथ एकीकृत करने का प्रयास किया गया। आयुर्वेदिक चिकित्सकों के संघ (एएपी) द्वारा आयोजित 5वां अंतर्राष्ट्रीय और 14वां राष्ट्रीय सम्मेलन विभिन्न देशों के आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।


आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता के बारे में जानकारी देते हुए आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 95% ग्रामीण और 96% शहरी लोग आयुर्वेद से परिचित हैं, जबकि 50% से अधिक लोग आयुर्वेदिक प्रथाओं का पालन करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में 9,500 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं, जो पिछले 60 वर्षों में हुए शोध से अधिक है – जो आयुर्वेद की वैज्ञानिक वैधता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
इस अवसर पर एसोसिएशन ऑफ आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर्स के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नीलेश दोशी ने कहा, “आपकॉन 2025 ने इस विश्वास को मजबूत किया है कि आयुर्वेद न केवल भारत की विरासत है, बल्कि यह वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहा है, जो परंपरा, विज्ञान और आधुनिकता को एकीकृत करके भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है।”सम्मेलन की 33वीं स्थापना वर्षगांठ पर तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। स्वास्थ्य प्रदर्शनी, निःशुल्क सार्वजनिक स्वास्थ्य शिविर और वैज्ञानिक सत्र।
शिविर में नागरिकों को आयुर्वेदिक विशेषज्ञों से सलाह एवं उपचार प्राप्त करने का अवसर मिला। इसके साथ ही, ‘हर घर आयुर्वेद’ और ‘आयुर्वेद दिवस’ पहल पर भी चर्चा की गई। ये अभियान आयुर्वेद को आम लोगों के जीवन में शामिल करने के लिए शुरू किए गए हैं। योग महाकुंभ और 10,000 योग पार्क स्थापित करने की योजना का भी उल्लेख किया गया।