मुंबई वार्ता संवाददाता

मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने वर्ली में प्रस्तावित 29-मंजिला व्यावसायिक इमारत की लागत में ₹37 करोड़ की बड़ी कटौती की है। यह निर्णय RTI कार्यकर्ता अनिल गलगली की ओर से परियोजना में प्रस्तावित ‘महंगे’ रोबोटिक पार्किंग सिस्टम पर सवाल उठाने के बाद लिया गया है।पहले यह परियोजना ₹525 करोड़ की लागत से प्रस्तावित थी, जिसमें 450 वाहनों के लिए अत्याधुनिक रोबोटिक पार्किंग सिस्टम पर ₹96 करोड़ खर्च किए जा रहे थे। लेकिन अनिल गलगली द्वारा अगस्त 2024 में मुख्यमंत्री और मनपा आयुक्त को लिखे पत्र के बाद, BMC ने पुराने टेंडर को रद्द कर मई 2025 में ₹488 करोड़ का नया टेंडर जारी किया।
मनपा ने अनिल गलगली को 19 जून 2025 को पत्र लिखकर सूचित किया कि उनकी शिकायत के आधार पर पुराना टेंडर रद्द किया गया और नई तकनीकी सलाह के साथ लागत पुनः निर्धारित की गई। अब रोबोटिक पार्किंग सिस्टम की संशोधित लागत ₹72 करोड़ तय की गई है, जिससे अकेले इस मद में ₹37 करोड़ की बचत हुई है।
अनिल गलगली ने कहा कि “मैंने अगस्त 2024 में मुख्यमंत्री और मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर रोबोटिक पार्किंग सिस्टम की लागत को लेकर आपत्ति जताई थी। मैंने यह भी दर्शाया था कि अन्य मेट्रो शहरों में इसी तरह की प्रणाली कम लागत पर लगाई जा रही है,”। वर्ली टॉवर प्रोजेक्ट में पुनर्विकास के तहत बहुमंजिली इमारत BMC के अस्फाल्ट प्लांट और मटेरियल टेस्टिंग लैब की जगह पर बनेगी, जिसमें आधुनिक सुविधाएँ होंगी। मंजिल 1 से 13 पर शटल और रोबोटिक पार्किंग सिस्टम, मंजिल 14 से 17 पर उन्नत मटेरियल टेस्टिंग लैब और सतर्कता विभाग, मंजिल 18-19 पर सड़क विभाग के कार्यालय और रियल-टाइम मॉनिटरिंग कमांड सेंटर और मंजिल 20 से 29 पर BMC की वाणिज्यिक उपयोग हेतु ऑफिस स्पेस (बिना फर्नीचर) होगा।”
यह रोबोटिक और शटल पार्किंग सिस्टम अगले 20 वर्षों तक कार्यान्वित रहेगा और यह सुविधा भवन में कार्यरत अधिकारियों और आगंतुकों के लिए होगी।” फिलहाल टेंडर प्रक्रिया जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि जुलाई 2025 तक इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।