शिवसेना ने कैबिनेट बैठक का किया बहिष्कार; चर्चा के बाद हुआ समझौता।

Date:

मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

स्थानीय स्वशासन निकायों के चुनावों के लिए स्थानीय स्तर के नेताओं को पार्टी में लाने के लिए भाजपा-शिवसेना (शिंदे) के बीच खींचतान चल रही है। इससे नाराज शिवसेना के मंत्रियों ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक का बहिष्कार कर अपनी नाराजगी जताई।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के मंत्रियों को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले विभाजन की राजनीति शुरू की थी। विवाद से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया कि भाजपा और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) एक-दूसरे के पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रवेश नहीं देंगे।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राजस्व मंत्री व भाजपा के चुनाव प्रभारी चंद्रशेखर बावनकुले के बीच चर्चा हुई।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के बीच विवाद जगजाहिर है। नगर निगम चुनावों से पहले, भाजपा ने ठाणे जिले में कई वरिष्ठ शिवसेना नेताओं को पार्टी में शामिल किया है।

मंगलवार को शिंदे के करीबी महेश पाटिल सहित कल्याण-डोंबिवली के तीन पूर्व नगरसेवकों को पार्टी में शामिल किए जाने के बाद विवाद और बढ़ गया। भाजपा ने राज्य में कई अन्य जगहों पर भी शिवसेना पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इससे शिवसेना खेमे में बेचैनी फैल गई है।

शिवसेना के मंत्री इस बात से भी नाखुश हैं कि उनके विभागों को धन नहीं मिल रहा है, प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिल रही है और काम नहीं हो रहे हैं। मंगलवार को साप्ताहिक कैबिनेट बैठक से पहले उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में शिवसेना मंत्रियों की एक बैठक हुई। इसमें भाजपा की भूमिका, खासकर कल्याण-डोंबिवली में प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की विभाजनकारी राजनीति पर कड़ी नाराजगी जताई गई।

कुछ मंत्रियों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि स्थानीय स्तर पर भी शिवसेना को परेशान किया जा रहा है और नेताओं को भाजपा में शामिल होने के लिए लालच दिया जा रहा है या धमकाया जा रहा है। इसी के तहत, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को छोड़कर सभी शिवसेना मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक का बहिष्कार करके अपनी नाराजगी जताई।

दिलचस्प बात यह है कि जब कैबिनेट बैठक चल रही थी, तब शिवसेना के मंत्री बगल के एक अन्य हॉल में बैठे थे।कोई बहिष्कार नहीं, शिवसेना का दावाशिवसेना के मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक का बहिष्कार किया; लेकिन ऐसा कोई बहिष्कार नहीं किया गया, उद्योग मंत्री उदय सामंत और स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने बाद में स्पष्ट किया। मेरे समेत कुछ मंत्री समय पर नहीं पहुँच पाए। सामंत ने कहा कि इसका ग़लत मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

महायुति को किसी भी तरह की बाधा न आए, इसके लिए मुख्यमंत्री से चर्चा हुई। अब एक-दूसरे की पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रवेश न मिले, सभी को इसका पालन करना चाहिए। हमारे नेताओं को ऐसे निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री भी अपने कार्यकर्ताओं को ऐसे ही निर्देश देंगे। – एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

प्रमुख खबरे

More like this
Related

ड्रग्स मामले के आरोपी को मिला 15 साल का कारावास।

श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता पांच साल पुराने ड्रग्स व्यापार के...

राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित हुए जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय।

नई दिल्ली।मुंबई वार्ता/शिव पूजन पांडेय उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर जिले...

मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा २० नवंबर को ६ घंटे के लिए बंद रहेगा।

मुंबई वार्ता/सतीश सोनी मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय...

राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव हो सकते हैं स्थगित !

मुंबई वार्ता संवाददाता स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग...