मुंबई (सं. भा.) महाराष्ट्र की राजनीति में महाविकास अघाड़ी (मविआ) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि कांग्रेस का समर्थन उनके पक्ष में जाए, ताकि उनकी पार्टी के वोटबैंक को बढ़ावा मिल सके। दूसरी ओर, कांग्रेस का उद्देश्य है कि वह आघाड़ी के प्रभाव से बाहर निकलकर राज्य में अपने दम पर एक बड़ी ताकत बने।
इस संघर्ष का मूल कारण मविआ के अंदर बदलते राजनीतिक समीकरण हैं। उद्धव ठाकरे, जो शिवसेना को एक प्रबल शक्ति के रूप में देखना चाहते हैं, कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता और उसके वोटबैंक को लेकर चिंतित हैं। उन्हें डर है कि अगर कांग्रेस मविआ में प्रभावी हो जाती है, तो उनकी पार्टी पर दबाव बढ़ेगा और उनकी सियासी पकड़ कमजोर हो सकती है। आठ अक्टूबर से पहले तक मविआ में कोई भी दल कांग्रेस के साथ तोल-मोल की स्थिति में नहीं था। लेकिन हरियाणा चुनाव के नतीजों ने शिवसेना (यूबीटी) को मजबूत स्थिति में ला दिया है।
कांग्रेस की रणनीति साफ है – वह राज्य में अपने पारंपरिक वोटबैंक के साथ-साथ अन्य वर्गों के मतदाताओं का समर्थन जुटाना चाहती है। इसमें दलित, मुस्लिम, और आदिवासी समुदायों के साथ-साथ शहरी मतदाताओं को भी शामिल किया जा रहा है। पार्टी नेतृत्व इस बात से अवगत है कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन महत्वपूर्ण हो सकता है, और वे उद्धव ठाकरे के दबाव में आने के बजाय अपने स्वतंत्र अस्तित्व को और बेहतर करने के प्रयास में हैं।

इस खींचतान का परिणाम यह हो सकता है कि मविआ में सीटों के बंटवारे पर सहमति बनाना और भी कठिन हो जाएगा। हालांकि सार्वजनिक तौर पर दोनों दल एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अंदरूनी मतभेद और दबाव की राजनीति साफ दिख रही है। उद्धव ठाकरे यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि कांग्रेस का समर्थन उन्हें मिल सके और कांग्रेस मविआ के भीतर बड़ी पार्टी न बन जाए।
इस राजनीतिक संघर्ष के बीच, आज मुंबई के ज्यादातर बड़े अखबारों में खबरें आईं कि मविआ के भीतर सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है, लेकिन अब इस खबर की सच्चाई पर सवाल उठ रहे हैं। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह खबर प्लांट की गई हो सकती है, ताकि मविआ के भीतर के सहयोगियों पर दबाव बनाया जा सके। इससे गठबंधन के बीच तनाव और बढ़ सकता है, जिससे भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारा और भी जटिल हो सकता है।


