कपास के आयात पर तुरंत रोक लगाएं और गारंटीशुदा कपास खरीदें

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर की मांग.

कपास आयात का फैसला व्यापारियों के फायदे के लिए है, केंद्र सरकार को किसानों के हितों को देखना चाहिए।

मुंबई वार्ता

कपास उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जहां 40 लाख से अधिक किसान कपास का उत्पादन करते हैं, जबकि राज्य में कपास का भरपूर उत्पादन हो रहा है.22 लाख गांठ कपास आयात होने की खबर से देश में कपास की कीमत में बड़ी गिरावट की आशंका बढ़ गई है. कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के पास भी बिना बिकी कपास की 11 लाख गांठें पड़ी हुई हैं. किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को तुरंत कपास के आयात पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को गारंटी मूल्य के साथ कपास खरीदने का निर्देश देना चाहिए. इसी मामले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए पत्र में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि वर्तमान में कपास की कीमत 6500 से 6600 रुपये प्रति क्विंटल है जो गारंटी मूल्य 7122 रुपये से कम है. बाजार में कपास की कोई कीमत नहीं होने के कारण किसानों ने कपास नहीं बेची. किसानों के पास कपास है और सीसीआई के पास भी कपास की गांठें पड़ी हुई हैं.देश में इतनी बड़ी मात्रा में कपास होने पर कपास का आयात करने से कपास का बाजार चरमरा जाएगा और किसानों को भारी नुकसान होगा. इस फैसले से केवल व्यापारियों को फायदा होगा.महाराष्ट्र में कपास किसान पहले से ही संकट में हैं. कम कीमतें, कृषि उपकरणों पर 12 से 18 प्रतिशत जीएसटी और बेमौसम बारिश ने कपास किसानों को एक दुष्चक्र में डाल दिया है.यहां तक ​​कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित मुआवजा भी अभी तक कागजों पर ही है. प्रधानमंत्री पीक बीमा योजना केवल बीमा कंपनियों के लाभ के लिए है.नाना पटोले ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कपास के आयात पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.

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