डॉ धीरज फूलमती सिंह/स्तंभकार/मुंबई वार्ता

जापान को पीछे छोड आज भारत विश्व की चौथी सबसे विशाल अर्थ व्यस्था बन गया है। इसके पहले भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को पीछे छोड पांचवी सबसे बडी अर्थ व्यस्था बना था। ऐसा देख,सुन और समझ कर मुझ जैसे एक आम भारतीय को बहुत खुशी होती है और गर्व भी होता है,फक्र होना भी चाहिए लेकिन थोडा गहराई में जाने पर पता चलता है कि पांचवे और चौथे पायदान पर पहुंचने में बहुत झोल है।
आप लोगो को पता ही होगा कि भारत की जनसंख्या है 145 करोड़, जापान की 12.4 करोड़ और ग्रेट ब्रिटेन की कुल 6.8 करोड है।भारत का क्षेत्रफल है 3,287,263 लाख वर्ग किलोमीटर और जनसंख्या घनत्व 427, जापान केवल 377,974 लाख वर्ग किलोमीटर और जनसंख्या घनत्व 340 और वहीं दूसरी तरफ ग्रेट ब्रिटेन का क्षेत्रफल 209331 लाख वर्ग किलोमीटर है तो जनसंख्या घनत्व 279 है।भारत की प्रति व्यक्ति आय लगभग 2 लाख 40 हजार रुपए सालाना है,तो जापान की 28 लाख 76 हजार से कुछ अधिक ही है यानि भारत से अंदाजन 12 गुना ज्यादा! वही ग्रेट ब्रिटेन की प्रति व्यक्ति आय सालाना 40 लाख रुपए से ज्यादा है मतलब भारत से लगभग 18 गुना अधिक! मतलब यह हुआ कि हम से बहुत छोटी लगभग समान जनसंख्या घनत्व वाली अर्थव्यवस्था का औसत व्यक्ति हमसे दस गुने से भी ज़्यादा कमा रहा है वह भी हर साल।


एक छोटे से गांव में जिसकी आबादी 5 सौ लोगो की है वहां के लोग सालाना एक लाख रुपए कमा रहे है और एक जिले की आबादी 50 हजार है पर जिले के लोग इस बात पर खुश है कि हम सब मिल कर सालाना एक लाख पच्चीस हजार रूपए कमा रहे है। उस छोटे से गांव से लगभग 25 हजार रुपए ज्यादा ?क्या आप जानते है ? यह हाल तब है जब भारत की जनसंख्या हर साल अंदाजन 1 करोड 40 लाख 65 हजार से ज्यादा बढ जाती है तो वही जापान की आबादी हर साल लगभग 6 लाख से ज्यादा घट रही है और ब्रिटेन की आबादी भले हर साल 4 लाख बढ जाती है लेकिन इसमे भी हर साल बाहरी देशों से आ रहे 3 लाख 80 हजार नागरिक ही इसका मुल कारण है वर्ना ब्रिटेन की आबादी भी स्थित हो चुकी है।
एक और ताज्जुब की बात बताता हूँ कि भारत पर अब तक जितना भी कर्ज है उसमे से लगभग 12% के आसपास उसने जापान से ले रखा है। भारत जापान का कर्जदार है। भारत का बहुचर्चित बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भी जापान द्वारा दिये कर्ज पर ही क्रियान्वित किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन का ख्वाब भारत देख रहा है लेकिन उधार देकर इसे मुकम्मिल जापान कर रहा है।क्या ऐसी तुलना करना उचित है ? भारत आज विश्व की चौथी सबसे बडी अर्थ व्यवस्था बन गया है लेकिन भारत आज भी विश्व के गरीब प्रगतिशील देश के तौर पर ही जाना जाता है जबकि जापान,ब्रिटेन और जर्मनी प्रगतिशाली ( विकसित) राष्ट्र के तौर पर जाने जाते है।
हमे यह बात नही भूलनी चाहिए कि भारत आज दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला मुल्क है, हमने चीन को आबादी में कब का पीछे छोड दिया है। विश्व में इस समय विकसित राष्ट्रों की संख्या 33 है और इसमे भारत बिल्कुल भी शामिल नही है। मेडिकल साइंस में एक कहावत है कि “वज़न ज़्यादा होने का मतलब स्वस्थ होना कत्तई नहीं होता!”