■ मुंबई पुलिस हथियार दिखावे के लिए नहीं, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रखती है:- भाजपा विधायक संजय उपाध्याय।
श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

“पवई में 17 बच्चों की जान बचाने के लिए पुलिस ने रिवाल्वर का उपयोग किया। पुलिस का काम ही है ‘सद्रक्षणाय खलनिग्रहणाय’, अर्थात अच्छे लोगों का संरक्षण किया जाए और बुरे लोगों को खत्म किया जाए’। मैं जल्द ही पवई पुलिस के उस जांबाज पुलिस अधिकारी का पुलिस स्टेशन में जाकर ही स्वागत करने वाला हूँ।” यह बातेँ बोरीवली से भारतीय जनता पार्टी विधायक संजय उपाध्याय ने मुंबई वार्ता से बात करते हुए कही है।


ज्ञात हो कि रोहित आर्य नाम के एक व्यक्ति ने 17 बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया और उन्हें और खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। पुलिस ने जीतोड़ कोशिश की कि किसी भी तरह रोहित को नुकसान पहुंचाए बगैर सभी बच्चों को मुक्त कराया जाए। काफी कोशिश करने के बावजूद अपहरणकर्ता रोहित बच्चों को छोड़ने की बजाय बच्चों और खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता रहा। ऐसे हालात में पुलिस ने मजबूरी में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रोहित को गोली मारकर सभी 17 बच्चों और एक व्यक्ति को सुरक्षित छुड़ा लिया।
बाद में यह बात सामने आई कि पुणे के रहने वाला रोहित आर्य पिछले साल से यह दावा करते हुए बकाया भुगतान की मांग कर रहे थे कि सरकार ने मुख्यमंत्री के ‘मेरा स्कूल, सुंदर स्कूल’ अभियान के तहत स्वच्छता मॉनिटर परियोजना के लिए किए गए काम के लिए उनकी कंपनी को भुगतान नहीं किया है। उन्होंने पुणे, मुंबई और नागपुर में भी विरोध प्रदर्शन किया था।
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर विधायक संजय उपाध्याय ने कहा कि,” अगर किसी भी ठेकेदार का भुगतान नहीं हुआ हो तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है, मीडिया के पास शिकायत कर सकता है, प्रदर्शन कर सकता है लेकिन किसी के बच्चों का अपहरण कर, उन्हें मारने की धमकी देकर अगर बकाया राशि के भुगतान की मांग करेगा तो इस कृत्य को गैर कानूनी ही करार दिया जाएगा। मुंबई में 17-17 बच्चों की जान दांव पर लगी हो तो पुलिस को क्या करना चाहिए? इस बात का जवाब सभी के पास है। मेरे अनुसार पुलिस ने बच्चों की जान बचाने के लिए जो कुछ किया वह तारीफ के काबिल है। मैं जल्द ही पवई पुलिस स्टेशन जाकर उस जांबाज सहायक पुलिस उप निरीक्षक अमोल वाघमारे का सम्मान करूँगा।”


इसी मामले के बारे मे पूछने पर अंधेरी से शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने कहा कि,” इस घटना के दौरान जो कुछ हुआ उसमें पुलिस की भूमिका की प्रशंसा की जानी चाहिए। मैं भी पुलिस वालों के साथ घटना स्थल पर मौजूद था। इस घटना के बाद सभी बच्चों को अस्पताल ले गया, सभी की जांच करवाई और मैंने निजी तौर पर ध्यान देते हुए सभी बच्चों को उनके घर पहुंचाया है। इस घटना के दौरान एक वृद्धा जिनकी पोती अपहृत थी, घायल हो गई थी । हमने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है। कल उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी ने वृद्धा से बात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। आज उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा तो मैं उनको भी घर तक पहुँचाने की व्यवस्था करूँगा।”


मुरजी पटेल ने यह भी कहा कि, ” पूरे ऑपरेशन के दौरान मैं घटनास्थल पर मौजूद था। अपहरणकर्ता रोहित आर्य के पास गन थी, जो कि पूरा ऑपरेशन खत्म होने के बाद मालूम हुआ कि एयर गन थी। दूर से देखने पर तो वह असली गन ही लग रही थी।अंदर कमरे में ज्वलनशील पदार्थ रखे हुए थे। रोहित लगातार बच्चों को जलाने की धमकी दे रहा था। अगर एक भी बच्चें को नुकसान पहुंच जाता तो वही लोग जो पुलिस एनकाउन्टर पर तंज कस रहे हैं, कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाने का आरोप लगा रहे होते। मेरा और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी का स्पष्ट विचार है कि पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो किया हम उसका स्वागत करते हैं।”


इसी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कॉंग्रेस के विधायक एवं पूर्व मंत्री असलम शेख ने कहा कि, ” बच्चों का अपहरण किया गया था। ऐसे हालात में बच्चों की सुरक्षा महत्वपूर्ण थी , इसलिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई स्वागत योग्य है। हालांकि ऐसे हालात से निपटने के लिए पुलिस को एक विशेष विभाग का गठन करना चाहिए।”



बहुत सुंदर घोषणा