भिवंडी/ मुंबई वार्ता संवाददाता

उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले के भगवंतनगर विधानसभा क्षेत्र स्थित गांव डौडियाखेड़ा( पवंकालीन रियासत ) के महान पराक्रमी अमर शहीद राजा राव राम बक्श सिंह का भिवंडी अशोक नगर इलाके मे हिंदूहदय सम्राट बाला साहब ठाकरे पुल के नीचे चौक 12 वर्षों के लंबे अंतराल के कार्यकाल में बनकर तैयार हो चुका है। प्रशासन की अनदेखी के कारण स्मारक अब उद्घाटन की बाट जोह रहा है।
इतिहासकारों की माने तो राव ने तीसरी बार फांसी के फंदे से लटकने पर अपने प्राणों को त्यागा था। राव के त्याग और शौर्य को स्थानीय लोग दैवीय शक्ति मानते है। जानकारो की माने तो राव के पूर्वज महारष्ट के निवासी थे। राव को शालिवाहन वंश का बताया जाता है।
महाराष्ट्र से शहीद राजा राव राम बक्श सिंह का रहा है पुराना नाता
भिवंडी में चौक का निर्माण करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विनोद त्रिपाठी (शालीवाहन) की माने तो राजा राव सिंह के पूर्वज महाराष्ट्र के निवासी और शालिवाहन वंश के थे।उन्होंने बताया कि राजा राव के पूर्वजों की ससुराल उन्नाव बैसवारा में थी, जिनके चौक का निर्माण करवाने में 25 सालो के अधिक का समय लग गया. काफी प्रयास के बाद साल 2023 मे स्मारक पूरा हुआ।
इस चौक के निर्माण के लिए भिवंडी पूर्व के विधायक रईस शेख ने मदद की और उनके निधि से तीन लाख रुपए की लागत से राजा राव राम बक्श सिंह के नाम से चौक का निर्माण करवाया है। चौक में धातु से बनी गोलाकार पृथ्वी आकृति मे शालिवाहन शौर्य प्रतीक के तौर पर लगा हुआ है। चौक निर्माण के बाद विनोद शालिवाहन ने 13 सदस्यो की शालिवाहन सेवाभावी संस्था बनाई है।
विनोद त्रिपाठी ने बताया कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने मेघनाथ शाह नाम से एक कमेटी का गठन कर 22 मार्च 1957 को शालिवाहन द्वारा लिखित शक संवत को राष्ट्रीय कलेंडर घोषित किया था.