मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

जैन मुनि नीलेश चंद्र विजय ने घोषणा की थी कि वे जैन मंदिरों, कबूतरखानों और गायों की रक्षा के लिए १ नवंबर को आज़ाद मैदान में आमरण अनशन पर बैठेंगे। हालाँकि, पुलिस ने उनके विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि यह अनुमति छुट्टी और मनसे द्वारा आयोजित मोर्चा की पृष्ठभूमि में नहीं दी गई। जैन मुनि का यह विरोध प्रदर्शन अब ३ नवंबर को होगा।


मुनि नीलेश चंद्र विजय ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है।मुंबई में कबूतरखानों के बंद होने से आक्रांत जैन समुदाय ने जैन मुनि नीलेश चंद्र विजय के नेतृत्व में आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। जैन मुनि नीलेश 1 नवंबर को कबूतरों की सुरक्षा के लिए आमरण अनशन करने वाले थे। हालाँकि, पुलिस ने उन्हें १ नवंबर को विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है।


नीलेश चंद्र विजय ने कहा कि छुट्टी का दिन होने के कारण उन्हें यह अनुमति नहीं दी गई। उसी दिन, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और महा विकास अघाड़ी ने भी मतदाता सूची में संशोधन की मांग को लेकर एक मोर्चा निकालने का आह्वान किया है। इसी के चलते जैन मुनि का आंदोलननीलेश चंद्र विजय ने बताया था कि वह 3 नवंबर से आज़ाद मैदान में आमरण अनशन पर बैठेंगे, न केवल कबूतरों की सुरक्षा के लिए, बल्कि सामान्य रूप से पशु-पक्षियों के अधिकारों के लिए भी।
नीलेश चंद्र विजय ने आरोप लगाया कि इस हिंदुत्व सरकार में गायें सुरक्षित नहीं हैं, कुत्ते सुरक्षित नहीं हैं, कबूतर सुरक्षित नहीं हैं, मठ में हाथी सुरक्षित नहीं हैं और अब जैन मंदिर भी सुरक्षित नहीं हैं।


