महाराष्ट्र में भाजपा की साजिश – सहयोगी दलों को खत्म करने की तैयारी, पार्टी बचाने दिल्ली पहुंचे एकनाथ शिंदे: हर्षवर्धन सपकाल।

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मुंबई वार्ता संवाददाता

भारतीय जनता पार्टी ऐसी चुड़ैल है जो दूसरों की पार्टियाँ खाकर ही जीती है। पहले इसने विपक्षी दलों को निगल लिया, अब अपने सहयोगी दलों को खाने निकली है। स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव में भाजपा अपने सहयोगियों — शिंदे सेना और अजित पवार की राकांपा — को अकेले लड़ने पर मजबूर करेगी ताकि उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म किया जा सके। यह बात समझ में आने के बाद ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली दौड़े हैं, ताकि अपनी पार्टी और खुद को बचा सकें ऐसा तीखा प्रहार महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने किया।

इस पर बोलते हुए सपकाल ने कहा कि सत्ता में बैठी यह “ट्रिपल इंजन सरकार” बाहर से जितनी मज़बूत दिखती है, अंदर से उतनी ही कमजोर है। भाजपा, शिंदे सेना और अजित पवार की राकांपा के बीच जबरदस्त मतभेद और खींचतान चल रही है।

“ऐसे हालात में यह सरकार पाँच साल कैसे चलेगी, यह देखने लायक होगा। अब भाजपा ने शिंदे सेना को भी गटकने की योजना बनाई है। खुद को बचाने के लिए शिंदे दिल्ली पहुँचे हैं, लेकिन भाजपा का सहयोगियों के प्रति जो इतिहास रहा है, उसे देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि शिंदे को कोई राहत मिलेगी,” सपकाल ने कहा।

फलटण की महिला डॉक्टर की आत्महत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए सपकाल ने कहा, “घटना को 24 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब तक एक शब्द भी नहीं बोला। महाराष्ट्र को इससे अधिक असंवेदनशील और अकार्यक्षम गृहमंत्री कभी नहीं मिला। ऐसा लगता है कि पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। महिला डॉक्टर की आत्महत्या के बाद जो आरोप सामने आए हैं, वे बेहद गंभीर हैं।

उन्होंने शिकायत दी थी, लेकिन उसकी दखल नहीं ली गई; पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने का दबाव बनाया गया, और इस डर से कि उनकी सुसाइड नोट गायब कर दी जाएगी, उन्होंने हाथ पर ही संदेश लिखा था।”

भाजपा विधायक संजय गायकवाड़ के आरोपों पर बोलते हुए सपकाल ने कहा, “सरकार तो उनकी ही है। मातृभूमि फाउंडेशन की उच्चस्तरीय जांच या एसआईटी बिठाई जाए, और अगर आरोपों में सच्चाई हो तो कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन अगर यह सब नाटक है, तो गायकवाड़ को सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेना चाहिए।”

अजित पवार पर तंज कसते हुए सपकाल ने कहा, “उनकी राकांपा ने चुनावी घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। लेकिन अब वे मुकर रहे हैं। पहले जब उन्होंने कहा था कि हमने ऐसा वादा नहीं किया, तो उन्हें खुद उनका घोषणा पत्र दिखाना पड़ा था। अब फिर वही झूठ दोहराया जा रहा है।

‘झूठ बोलो, मगर डटकर बोलो’ — यह भाजपा की नीति अब अजित पवार ने भी अपना ली है। उन्हें भाजपा की संगत मे झूठ बोलने की आदत लग गई है ऐसा तीखा कटाक्ष सपकाल ने किया।

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