मुंबई वार्ता संवाददाता

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज घोषित केंद्रीय बजट को लक्ष्मी के कदम आम घरों तक लाने वाला बजट बताया। उन्होंने कहा कि आज हर घर में दिवाली और दशहरा की भावना उत्पन्न हुई होगी क्योंकि 12 लाख रुपये तक की आय पर आयकर की छूट दी गई है, जिससे आम लोगों को बड़ा राहत मिला है। इस बजट से यह महसूस हो रहा है कि प्रत्येक घर में खुशी की लहर दौड़ रही है।
शिंदे ने इसे समाज के हर वर्ग को न्याय देने वाला बजट बताया।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आज तक प्रस्तुत किए गए सभी बजटों में सबसे क्रांतिकारी निर्णय लिया है। 12 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त करने और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 75 हजार रुपये तक बढ़ाने जैसे फैसले से देशभर के करोड़ों मध्यवर्गीय नागरिकों को बड़ा राहत मिली है।देश का आठवां बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए रोडमैप प्रस्तुत किया है। आयकर में दी गई बड़ी छूट से देश के मध्यवर्गीय, गरीब और कमजोर वर्गों को मजबूत किया गया है और उनके विकास में अहम भूमिका को रेखांकित किया गया है, ऐसा उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा।
महिलाओं और किसानों पर विशेष ध्यान देते हुए, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी तकनीकों पर जोर, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस कदम उठाने पर भी जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस बजट भाषण में नए आयकर विधेयक की घोषणा की है, जिससे कर संरचना में सरलता आएगी और सामान्य करदाताओं को न्याय मिलेगा। 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर न लगाने का निर्णय, मध्यवर्गीय करदाताओं के लिए एक बड़ा राहत देने वाला कदम है।टीडीएस में किराए की सीमा बढ़ाने, वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस की सीमा एक लाख रुपये तक बढ़ाने और कर रिटर्न न भरने वालों के लिए चार साल तक सीमा बढ़ाने जैसे फैसले करदाताओं को राहत देने वाले हैं।धान्य कृषि योजना से किसानों के घर में सचमुच समृद्धि आएगी, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने, कृषि क्षेत्र में तकनीकी उपयोग बढ़ाने से गुणवत्ता वाले उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट सीमा बढ़ाने और छोटे व सूक्ष्म उद्योगों को आसानी से पूंजी उपलब्ध कराने के निर्णय से उन्हें बड़ा समर्थन मिलेगा। महिलाओं के कौशल विकास प्रशिक्षण और विशेषकर पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए नए रोजगार और उद्योग योजना से गरीब महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
आईआईटी की संख्या बढ़ाने, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए तीन केंद्र स्थापित करने, युवाओं के कौशल विकास पर जोर, सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड सेवा, 50 लाख स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स जैसी योजनाओं से आधुनिक तकनीकी का लाभ आम आदमी तक पहुंचेगा। शहरी मजदूरों के जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए योजनाएं भी गरीब वर्ग को शक्ति प्रदान करेंगी। देश में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, ऐसे में शहरों के विकास के लिए अलग से अर्बन चैलेंज फंड की घोषणा क्रांतिकारी होगी।