मुंबई वार्ता संवाददाता
वरिष्ठ शिल्पकार राम सुतार को 2024 का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद में की। यह निर्णय आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा दायर सूचना के अधिकार (RTI) के खुलासे के बाद लिया गया है।
अनिल गलगली ने महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार चयन प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। उनके लगातार प्रयासों के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत बैठक बुलाई और अंततः राम सुतार के नाम की आधिकारिक घोषणा की गई।12 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में पुरस्कार समिति की बैठक हुई, जिसमें राम सुतार के नाम को मंजूरी दी गई।
इस पुरस्कार के तहत 25 लाख रुपये, मानपत्र, स्मृति चिह्न और शॉल प्रदान किया जाएगा। राम सुतार ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ सहित कई भव्य मूर्तियां बनाई हैं और भारतीय शिल्पकला में उनका योगदान अमूल्य माना जाता है। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आभार माना है।
● अनिल गलगली का सफल आरटीआई प्रयास
अनिल गलगली ने आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी थी कि 2024 का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार अब तक घोषित क्यों नहीं किया गया? उनकी इस पूछताछ के बाद सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी और अंततः राम सुतार को यह प्रतिष्ठित सम्मान देने का निर्णय लिया गया।
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सूचना का अधिकार (RTI) जनता के अधिकारों के लिए एक प्रभावी हथियार है और सही समय पर की गई पूछताछ प्रशासन को निर्णय लेने के लिए मजबूर कर सकती है।