■ विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष की महाराष्ट्र संत दर्शन यात्रा
■ धार्मिक स्थलों का स्वराज्य निर्माण में योगदान
वरिष्ठ संवाददाता/ मुंबई वार्ता

महाराष्ट्र संत दर्शन यात्रा के पड़ाव में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार सातारा जिले के सज्जनगढ़ स्थित समर्थ रामदास स्वामी संस्थान पहुंचे।


महाराष्ट्र के सातारा जिले में स्थित समर्थ रामदास स्वामीजी की तपोभूमि, सज्जनगढ़ में आयोजित 343 वें दासनवमी महोत्सव में आलोक कुमार ने कहा कि स्वराज्य निर्माण में देश के धार्मिक स्थलों का महत्वपूर्ण योगदान है। जब छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा के किले से निकलकर रायगड पहुंचे तो रामदास स्वामीजी द्वारा स्थापित यह हनुमान मंदिर और मठ उनके लिए सुरक्षित विश्राम व रणनीतिक संवाद का केंद्र बना। इस प्रकार इन स्थानों ने न केवल स्वराज्य निर्माण में योगदान दिया बल्कि हिंदुत्व की चेतना का जागरण किया।


विश्व हिंदू परिषद कोंकण प्रांत के मुंबई विभाग के मीडिया प्रभारी नरेंद्र मजूमदार ने बताया कि आलोक कुमार के नेतृत्व में विहिप की संत दर्शन यात्रा 9 अप्रैल से महाराष्ट्र में प्रारंभ हुई है। इस कड़ी में उन्होंने नासिक, त्र्यंबकेश्वर, कोपरगांव, पैठण, पंढरपुर, कणेरी मठ कोल्हापूर, सांगली तथा सातारा के विविध संत-मठाधीशों से भेंट कर रहे हैं। साथ ही संत परंपरा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के उद्देश्यों पर संवाद साध रहे हैं।
आलोक कुमार ने आगे कहा कि आज का युवा यदि हनुमान जी के समर्पण, निर्भयता, ब्रह्मचर्य, सेवा और पराक्रम जैसे गुण आत्मसात करे, तो भारत को पुनः परम वैभव प्राप्त होगा। समर्थ रामदास स्वामीजी ने संपूर्ण भारत में 1100 हनुमान मंदिरों और मठों का निर्माण किया। यह सभी स्थान केवल पूजा-अर्चना के केंद्र मात्र नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र चिंतन, सैन्य प्रशिक्षण, संत प्रेरणा और सामाजिक संगठन का केंद्र भी हैं।
समर्थ रामदास स्वामी संस्थान के प्रमुख भूषण स्वामी रामदासी महाराज ने आलोक कुमार का स्वागत किया। इस अवसर पर अतुल शालगर, दीपक दीक्षित, संजय मुद्राळे, नागनाथ बोनगरगे, संजय कुलकर्णी, योगेश बुवा रामदासी, विभिन्न मठों के साधक, साधु-संत, स्थानीय भक्त और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता उपस्थित थे।