मुंबई वार्ता संवाददाता
जीएसटी कानून नया होने के कारण शुरुआती दौर में व्यापारियों और करदाताओं द्वारा जीएसटी कानून के अनुपालन और कर भुगतान में अनजाने में कुछ गलतियां हुई हैं। इन गलतियों के कारण ब्याज और जुर्माने का आर्थिक बोझ करदाताओं पर न पड़े, साथ ही वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित विवादों का आसानी से निपटारा हो सके, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार ने जीएसटी अभय योजना शुरू की है।
पात्र करदाता इस योजना का 31 मार्च 2025 तक लाभ लें, ऐसी अपील वस्तु एवं सेवा कर विभाग द्वारा की गई है। इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 से संबंधित सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग आदेश लाभ के लिए पात्र हैं।
इसके अतिरिक्त, जिन मामलों में पहले धारा 74 के तहत मांग आदेश जारी किए गए थे, लेकिन अपीलीय अधिकारी, अपीलीय न्यायाधिकरण या न्यायालय के निर्देशानुसार उन्हें धारा 73 में परिवर्तित किया गया है, वे भी अभय योजना के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र हैं।
योजना की शर्तों के अनुसार, केवल मूल कर राशि का भुगतान करने पर उस पर लगने वाला ब्याज और जुर्माना माफ किया जाएगा। ब्याज और जुर्माने की माफी के साथ इन मामलों का निपटारा करने का अवसर करदाताओं को इस योजना के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है। इस अभय योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक कर भुगतान की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 है। इसलिए पात्र करदाता तुरंत आवश्यक कर का भुगतान कर ब्याज और जुर्माने की माफी का लाभ लें और लंबित जीएसटी बकाया से मुक्त हों।
यदि किसी स्पष्टीकरण या सहायता की आवश्यकता हो, तो अपने नोडल या क्षेत्रीय जीएसटी अधिकारी से संपर्क करें, ऐसी अपील वस्तु एवं सेवा कर विभाग द्वारा की गई है।