मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

कल्याण के पास खड़ावली इलाके में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक जौहरी का अपहरण कर उससे दो लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। आरोपियों ने फिरौती न देने पर उसे ‘घाटी में फेंक देने’ की धमकी भी दी। गनीमत रही कि सुनार आरोपियों के चंगुल से बच निकला और सीधे टिटवाला पुलिस स्टेशन पहुँच गया। टिटवाला पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस जबरन वसूली गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।


उगम चौधरी की खड़ावली इलाके में ‘लक्ष्मी ज्वैलर्स’ नाम की एक दुकान है, जो टिटवाला पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत आता है। कुछ दिन पहले, उनकी दुकान के सामने एक कार आई। उस कार में सवार कुछ युवकों ने उगम चौधरी को जबरन दुकान से बाहर निकाला और उन्हें कार में बिठा लिया। कार के अंदर उनकी पिटाई की गई। इसके बाद, आरोपियों ने एक सुनसान जगह पर कार रोक दी।इस सुनसान जगह पर रुककर आरोपियों ने उगम चौधरी से दो लाख रुपये की फिरौती मांगी। पैसे न देने पर उसे घाटी में फेंककर जान से मारने की धमकी भी दी।
इस भयावह स्थिति में उगम चौधरी ने हिम्मत दिखाई और बड़ी मुश्किल से खुद को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया और टिटवाला पुलिस स्टेशन पहुँच गया।सुनार उगम चौधरी द्वारा पुलिस को घटना के बारे में पूरी जानकारी देने के बाद, टिटवाला पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पंकज गिरी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी।
पुलिस ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए फिरौती मांगने वाले तीनों आरोपियों संजय पटोले, प्रतीक मारू और तेजस ठाकरे को गिरफ्तार कर लिया।प्रारंभिक जाँच के अनुसार, आरोपी संजय पटोले और सुनार उगम चौधरी के बीच सामान गिरवी रखने को लेकर विवाद हुआ था। यह साधारण विवाद बाद में सुनार के अपहरण, फिरौती मांगने और जान से मारने की धमकी तक बढ़ गया।


