मुंबई वार्ता/ हरीशचंद्र पाठक

कोई भी व्यक्ति मेहनत और लगन के बल पर बड़ी से बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर सकता है। यह कर दिखाया है चेंबूर के जाने माने विज्ञान शिक्षक डॉक्टर रामप्रवेश आर.यादव ने।
बता दें कि एक साधारण परिवार में पैदा हुए डॉक्टर रामप्रवेश आर यादव को छात्र जीवन से ही शिक्षा विभाग में अच्छी से अच्छी उपलब्धियों को हासिल करने का ध्येय था और उनका सपना हाल ही में साकार हो गया। जहां तक योग्यता: की बात है तो यादव ने पीएच.डी. (शिक्षा), एम.फिल, एम. एड एम.एससी. (भौतिकी), बी.एड, पीजीडीएचई, डीएसएम जैसी महत्वपूर्ण डिग्रियां हासिल कर शिक्षा विभाग का गौरव बढ़ा दिया है। उनके पीएच. डी के गाइड डॉक्टर केसर आर. जाधव थे। उन्होंने चेंबूर सर्वकश शिक्षण शास्त्र महाविद्यालय से अपना अनुसंधान पूरा किया।
डॉक्टर रामप्रवेश आर यादव वर्तमान समय में स्वामी विवेकानंद हाई स्कूल में शिक्षक पद पर कार्यरत हैं। मात्र १८ साल के अपने शिक्षण अनुभव में यादव ने उत्तर विभाग शिक्षण निरीक्षक कार्यालय की ओर से आयोजित की जाने वाली विज्ञान प्रदर्शनी में अच्छे से अच्छे प्रोजेक्ट बनाकर राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में पहुंच चुके हैं। पीएच. डी में उनका शोध विषय था माध्यमिक छात्रों द्वारा सेल फोन के उपयोग से उनके अध्ययन की आदत सामाजिक आदत और व्याहारिक आदतों पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन करना इसका प्रभाव हबस्ट , सामाजिक आदत।
डॉक्टर रामप्रवेश आर यादव को पीएच. डी की उपाधि मिलने पर हिंदू राष्ट्र सेवा संगठन महाराष्ट्र के अध्यक्ष राजा भाऊ सोनटक्के, जाने माने हिंदी और मराठी साप्ताहिक के संपादक संदीप त्रिलोकी नाथ शुक्ला,राकांपा नेता संजीव उपाध्याय, वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉक्टर सत्तार खान, बड़ी संख्या में शिक्षकों और समाजसेवियों ने उन्हें बधाई दी है।


