■ गिफ्ट बताकर ड्रग्स तस्करी में कांस्टेबल को उसके मित्र ने ही फंसाया।
श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार पुलिस हेड कांस्टेबल अंकुश मनोहर भंडारी 1 लाख रुपए की ज़मानत पर रिहा कर दिया गया है। अंकुश भंडारी ने आरोप लगाया है कि उसके मित्र ने ही उसे गिफ्ट का लालच देकर फंसाया है।


अंकुश ने मुंबई वार्ता संवाददाता से बात करते हुए कहा कि, ” मुझे मेरे पहचान के लोगों ने ही फंसाया है। जिस पार्सल के बारे में मुझे गिरफ्तार किया गया, वह पार्सल मेरे एक मित्र निहाल मेनन ने मेरे नाम से मंगवाया था। उन्होंने मेरे पुराने घर के पते पर मेरे नाम से पार्सल मंगवाया था। मुझे बताया कि मेरे नाम से एक गिफ्ट आया हुआ है। निहाल मेरे साथ पार्सल लेने गया था। जब कस्टम अधिकारियों ने मुझे गिरफ्तार किया तो मैंने उन्हें यह सच्चाई बताई लेकिन चूंकि पार्सल मेरे नाम से था, इसलिए मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।”


अंकुश ने यह भी कहा कि,” निहाल और रफीक नामक शख्स ने मिलकर मुझे फंसाया है। फिलहाल मुझे रु 1 लाख की ज़मानत पर किला कोर्ट ने रिहा कर दिया है। कस्टम विभाग द्वारा मामले की आगे जांच की जा रही है।
ज्ञात हो कि सीमा शुल्क अधिकारियों के अनुसार, कार्गो निरीक्षण के दौरान हवाई अड्डे की छंटाई कार्यालय में एक विशेष ट्रैकिंग आईडी के साथ एक पार्सल को इंटरसेप्ट किया गया था। पुलिस क्वार्टर के अपने घाटकोपर निवास पर रहने वाले अंकुश भंडारी ने संबंधित पार्सल को हर्बल चाय के रूप में घोषित किया गया था। हालांकि, अधिकारियों ने 252 ग्राम एक हरे रंग का पदार्थ पाया, जो कि गांजा (मारिजुआना) के रूप में सकारात्मक घोषित किया गया। इसी पार्सल को लेते समय अंकुश को गत शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।



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