●निर्जला एकादशी पर किया जाएगा ध्वजारोहण
● बद्रीनाथ धाम के बाद देश का इकलौता मंदिर
● शनिवार 7 जून को धूमधाम से मनेगा पाटोत्सव
वरिष्ठ संवाददाता। मुंबई वार्ता

मंदिरों के शहर के रूप में प्रसिद्ध दक्षिण मुंबई के कालबादेवी रोड के झावेर बाग स्थित श्री नर नारायण मंदिर का 125 वां वार्षिकोत्सव (पाटोत्सव) शनिवार 7 जून को आयोजित किया जा रहा है। निर्जला एकादशी पर नर नारायण मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, इसलिए हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी पर मंदिर का पाटोत्सव (स्थापना दिवस) समारोह आयोजित किया जाता है।


बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक, शिक्षा सम्राट पं. मदन मोहन मालवीय से प्रेरित होकर शेठ मनमोहनदास कहानदास द्वारा सवा सौ साल पहले ज्येष्ठ माह की निर्जला एकादशी पर इस मंदिर का निर्माण 1899 में कराया गया था, उस समय इसके निर्माण पर एक लाख की लागत आई थी। उसके बाद से आज तक सेठना परिवार कहानदास नारणदास चैरिटीज ट्रस्ट की स्थापना कर पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रस्ट के माध्यम से इस मंदिर का न केवल संचालन कर रहा है बल्कि इसकी पूरी तरह से देखभाल भी कर रहा है। सुबह मंगला आरती के साथ महोत्सव की शुरुआत होगी। दिन भर अनेक अनुष्ठान के बाद शाम को शुभ मुहूर्त में मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा।
मंदिर की ट्रस्टी एवं अध्यक्ष जान्हवी संदीप जगेशिया ने बताया कि देश में नर और नारायण के विग्रह वाले केवल दो ही मंदिर है जहां भगवान श्रीकृष्ण के साथ उनके सखा अर्जुन विराजमान हैं। एक देवभूमि उत्तराखंड का बद्रीनाथ मंदिर और दूसरा कालबादेवी का यह नर नारायण मंदिर। पूरे वर्ष के दौरान यहां पाटोत्सव, जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट पूजा (छप्पन भोग) और होलिकोत्सव का आयोजन किया जाता है। ट्रस्ट की ओर से मंदिर परिसर में गौशाला व कबूतर खाना का भी निर्माण किया गया है।
जगेशिया ने आगे बताया कि मंदिर का स्थापना दिवस ट्रस्ट का प्रमुख पर्व होता है, जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर को फूलों और रंग-बिरंगी बिजली की रोशनी से सजाया जाएगा।