मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को आदेश दिया कि नासिक जिले के इगतपुरी में प्रस्तावित सिनेमा सिटी पर सलाहकारों की रिपोर्ट की जाँच की जाए और तुरंत प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए, और राजस्व विभाग मुंधेवाड़ी में ४७ हेक्टेयर सरकारी भूमि सांस्कृतिक कार्य विभाग को हस्तांतरित करने के लिए तत्काल कदम उठाए। नासिक सिनेमा सिटी परियोजना के संबंध में सोमवार को उपमुख्यमंत्री पवार की अध्यक्षता में सह्याद्री गेस्ट हाउस में एक बैठक हुई। इस बैठक के दौरान उक्त निर्णय लिया गया।


नासिक भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के का जन्मस्थान है। नासिक जिले में सिनेमा की स्थापना न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक, पर्यटन और क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
उपमुख्यमंत्री पवार ने इस अवसर पर कहा कि राजमार्ग, रेल, हवाई परिवहन सुविधाओं और कुंभ मेले के अवसर पर प्रदान की जाने वाली बुनियादी सुविधाओं के कारण नासिक सिनेमा सिटी के निर्माण के लिए आदर्श है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को वैश्विक मनोरंजन केंद्र बनाने का विजन प्रस्तुत किया है। नासिक सिनेमा सिटी परियोजना महाराष्ट्र के लिए इस क्षेत्र में अग्रणी बनने हेतु महत्वपूर्ण होगी। यह परियोजना स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों, लघु उद्योगों, होटल व्यवसाय, पर्यटन, परिवहन और सेवा क्षेत्रों के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करेगी।


उपमुख्यमंत्री पवार ने विश्वास व्यक्त किया कि यह नासिक के समग्र आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को नई गति प्रदान करेगी।2009 में, सरकार ने गोरेगांव सिनेमा सिटी जैसे नासिक जिले में एक सिनेमा के निर्माण को मंजूरी दी थी। नासिक जिले का इगतपुरी क्षेत्र इस सिनेमा सिटी के लिए प्राकृतिक रूप से सुंदर है। समृद्धि राजमार्ग के कारण इगतपुरी से मुंबई की दूरी भी कम हो गई है। नासिक क्षेत्र में आज भी फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग होती है।
मंत्री छगन भुजबल ने बैठक में बताया कि योजना विभाग ने 2012 में इस सिनेमाघर के लिए १० करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी थी।


