पुलिसों की अनुकंपा नियुक्तियों का निर्णय मिशन मोड में लागू होगा- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस।

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श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

महाराष्ट्र सरकार के 150 दिवसीय कार्ययोजना कार्यक्रम के अंतर्गत पुलिस विभाग में लंबित अनुकंपा नियुक्तियों के सभी प्रकरणों को मिशन मोड में निपटाया जाएगा। साथ ही राज्य के सभी विभागों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज विधानपरिषद में प्रश्नोत्तर काल के दौरान दी।

विधानपरिषद सदस्य सुनील शिंदे द्वारा पुलिसों की कार्यपद्धति, आवास, स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं से संबंधित प्रश्न उठाया गया था। इस चर्चा में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, प्रवीण दरेकर, शशिकांत शिंदे, संजय खोडके, भाई जगताप और बंटी पाटिल ने भी भाग लिया।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि पुलिस ड्यूटी को लेकर सबसे पहले मुंबई में 8 घंटे की ड्यूटी की संकल्पना लागू की गई थी। त्योहार या विशेष बंदोबस्त के अवसरों को छोड़कर अब सामान्यतः 8 घंटे की ड्यूटी नियमित रूप से लागू है। साथ ही साप्ताहिक छुट्टी की भी शुरुआत की गई है और यदि किसी कारणवश छुट्टी नहीं मिलती है तो उसके एनकैशमेंट की राशि को भी काफी हद तक बढ़ाया गया है।उन्होंने कहा कि मुंबई समेत राज्यभर में पुलिस आवास के बड़े प्रकल्प चल रहे हैं। तालुका स्तर पर भी काम तेज गति से हो रहा है। पुलिस गृह निर्माण महामंडल का कार्य अभूतपूर्व है।

उन्होंने बताया कि पहले शुरू की गई डीजी लोन योजना को बाद में बंद कर दिया गया था, लेकिन अब इसे पुनः शुरू किया गया है और बकाया प्रकरणों को भी निपटाया जा रहा है।पुलिसकर्मियों में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 40 वर्ष से अधिक आयु वाले पुलिसकर्मियों के लिए साल में एक बार और 50 वर्ष से ऊपर वालों के लिए साल में दो बार स्वास्थ्य जांच अनिवार्य की गई है। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष काउंसलिंग योजनाएं तथा वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद की पहल की जा रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि नवी मुंबई में 10 हजार क्षमतावान पुलिस हाउसिंग प्रोजेक्ट में सहकारी सोसाइटी को सरकार ने हर संभव सहायता दी है। अगर पुलिसकर्मी इसी तरह संगठित होकर आगे आएं, तो सरकार से उन्हें पूर्ण सहयोग मिलेगा।इस विषय पर आगे जानकारी देते हुए राज्य के गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने बताया कि बीते वर्षों में मुंबई और महाराष्ट्र पुलिस बल में हृदयाघात, कैंसर, और आत्महत्या के कारण कई पुलिसकर्मियों की मृत्यु हुई है। कार्डियक अरेस्ट से 75, कैंसर से 6 और पिछले चार वर्षों में 25 आत्महत्याएं दर्ज की गईं, जिनमें पारिवारिक कलह, अन्य कारण और डिप्रेशन शामिल हैं।

राज्यमंत्री कदम ने बताया कि पुलिसों के कल्याण हेतु शासन 40 प्रकार की बीमारियों का निःशुल्क इलाज करवा रहा है। इसके लिए राज्य में 270 अस्पतालों से करार किया गया है। टाटा मेमोरियल और ए. के. मेहता संस्थाओं के सहयोग से कैंसर जांच शिविर भी आयोजित किए गए हैं। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के लिए योग, ध्यान, और जिम सुविधाएं भी प्रारंभ की गई हैं।

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