मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

राज्य सरकार ने बीमा कंपनियों को करीब १,००० करोड़ रुपये का बीमा प्रीमियम समय पर नहीं चुकाया है. इसके कारण किसानों को २०२३-२४ खरीफ और रबी सीजन के लिए बीमा मुआवजा राशि अभी तक नहीं मिली है. आठ दिनों के भीतर किस्त की राशि कंपनियों को भुगतान कर दी जाएगी, जिसके बाद मुआवजा राशि मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा, ऐसा कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने विधानसभा में स्वीकार किया।
मंत्री कोकाटे विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और विपक्षी बेंच के अन्य सदस्यों द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का जवाब देते हुए बोल रहे थे. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत २०१६-१७ से २०२३-२४ तक कुल ४३,२०१.३३ करोड़ रुपये का बीमा प्रीमियम एकत्र किया गया. इस अवधि के दौरान किसानों को दी गई मुआवजा राशि ३२,६२९.७३ करोड़ रुपये है, जो बीमा प्रीमियम का ७६ प्रतिशत है. राज्य के किसानों को औसतन ४.०८० करोड़ रुपये का वार्षिक बीमा प्रीमियम मिला है। इस दौरान बीमा कंपनियों ने कुल ७,१७३.१४ करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है, जबकि बीमा कंपनियों ने सरकार को २,३२२.६१ करोड़ रुपये लौटाए हैं।
राज्य ने लगभग १,०२८.९७ करोड़ रुपये की फसल बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान नहीं किया है। इसके कारण बीमा कंपनियों ने किसानों के पैसे का भुगतान नहीं किया है। इसलिए कंपनियों ने किसानों को फसल बीमा मुआवजा राशि का भुगतान किया है। राज्य सरकार की ओर से शेष बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान आठ कार्य दिवसों में किया जाएगा, जिसके बाद शेष बीमा राशि मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा, ऐसा कोकाटे ने भी कहा।


