भारतीय नौसेना का जहाज सह्याद्रि दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में परिचालन तैनाती के लिए मलेशिया के के मामन बंदरगाह पर पहुँचा।

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मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

भारतीय नौसेना का स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्रि दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती के तहत 02 अक्टूबर 2025 को मलेशिया के केमामन बंदरगाह पर पहुँचा। रॉयल मलेशियाई नौसेना ने दोनों देशों के बीच स्थायी सांस्कृतिक संबंधों और साझा समुद्री परंपराओं का जश्न मनाते हुए जहाज का गर्मजोशी से स्वागत किया।

स्वदेशी रूप से डिज़ाइन, निर्मित और 2012 में कमीशन किया गया, आईएनएस सह्याद्रि शिवालिक श्रेणी के गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज है। यह जहाज ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों के साथ-साथ परिचालन तैनाती का भी हिस्सा रहा है।आईएनएस सह्याद्रि का मलेशिया का यह तीसरा दौरा है। इससे पहले, जहाज ने 2016 में सद्भावना मिशन पर पोर्ट क्लैंग का दौरा किया था और बाद में 2019 में कोटा किनाबालु में ‘समुद्र लक्ष्मण’ अभ्यास में भाग लिया था। ये दौरे दोनों देशों के बीच मज़बूत और विकसित होते नौसैनिक संबंधों को रेखांकित करते हैं।

दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईएनएस सह्याद्रि की चल रही परिचालन तैनाती, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक ज़िम्मेदार समुद्री हितधारक और पसंदीदा सुरक्षा साझेदार के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को रेखांकित करती है। केमामन बंदरगाह पर जहाज के आगमन का उद्देश्य भारत-मलेशिया समुद्री सैन्य सहयोग को और मज़बूत करना, दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना और सर्वोत्तम नौसैनिक प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है।तीन दिवसीय इस यात्रा में जहाज के कमांडिंग ऑफिसर द्वारा रॉयल मलेशियाई नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों से शिष्टाचार भेंट शामिल थी, जिसमें नौसेना क्षेत्र के उप कमांडर, प्रथम एडमिरल अब्द हलीम बिन कमरुद्दीन से भी मुलाकात शामिल थी।

इस यात्रा में व्यावसायिक आदान-प्रदान, भारतीय नौसेना और आरएमएन अधिकारियों के बीच पारस्परिक दौरे, पारस्परिक प्रशिक्षण, दोनों नौसेनाओं के बीच खेल आयोजन, और आईएनएस सह्याद्री के चालक दल के लिए शहर के मनोरंजक दौरे भी शामिल थे।चालक दल ने एक योग सत्र और धर्मार्थ कार्यक्रम भी आयोजित किया, जो भारतीय नौसेना की स्वास्थ्य, करुणा और भारत-मलेशिया मैत्री को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।भारत और मलेशिया के बीच एक समृद्ध और बहुआयामी संबंध है, जो सदियों से चले आ रहे गहरे सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंधों से आकार लेता है। भू-राजनीतिक समुद्री परिदृश्य में हिंद-प्रशांत के निरंतर बढ़ते महत्व के साथ, दोनों राष्ट्रों ने पारस्परिक हितों के आधार पर क्षेत्रीय साझेदारी बनाने के महत्व को तेज़ी से पहचाना है।

भारत की महासागर पहल और आसियान के हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण (एओआईपी) के साथ मलेशिया का संरेखण, समुद्री तालमेल के माध्यम से दोनों देशों के लिए समृद्धि प्रदान करता है।भारत और मलेशिया के बीच नौसेना-से-नौसेना संपर्क पिछले कुछ वर्षों में द्विवार्षिक लीमा प्रदर्शनी और मिलान अभ्यासों के माध्यम से लगातार बढ़ा है। भारतीय नौसेना और आरएमएन जहाजों के बीच 2024 में फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास (एफटीएक्स) – ‘समुद्र लक्ष्मण’ के तीसरे संस्करण का सफल समापन, क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और सहयोग को मजबूत करने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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