■ मनपा ने स्कूल को जर्जर घोषित कर बना दिया शैक्षिक सामग्री का गोदाम
● पूर्व नगरसेवक की मांग,दगड़ी शाला की मरम्मत कर शुरू हो प्रशासनिक कार्यालय या स्कूल
मुंबईवार्तासंवाददाता।भिवंडी

भिवंडी शहर की ऐतिहासिक धरोहर जिसमे शिवसेना प्रमुख स्व बालासाहब ठाकरे ने शिक्षा ग्रहण किया था,वही दगड़ी स्कूल मनपा की उपेक्षा के कारण खस्ताहाल है।
ऐतिहासिक संरचना की आंतरिक मरम्मत न कर मनपा ने शहर के पहले स्कूल को गोदाम में तब्दील कर दिए जाने से पूर्व छात्रों और स्थानीय नागरिकों में रोष व्यक्त किया जा रहा है।पूर्व नगरसेवक अरुण राउत ने मनपा आयुक्त को पत्र देकर शहर के इस ऐतिहासिक भवन में बने गोदाम को हटाकर उसकी मरम्मत कर इसमें पुनः नया प्राथमिक विद्यालय अथवा प्रशासनिक कार्यालय शुरू करने की मांग की है।


भिवंडी मनपा आयुक्त अनमोल सागर को दिए ज्ञापन ने पूर्व स्थाई समिति के सदस्य व पूर्व नगरसेवक अरुण राउत ने बताया है कि शहर में नगरपालिका की स्थापना के बाद सार्वजनिक दान के माध्यम से प्रभुअली क्षेत्र में एक ऐतिहासिक (विरासत) दगड़ी शाला (पत्थर स्कूल) का पत्थर से निर्मित एक मंजिला इमारत का निर्माण 130 साल पहले किया गया था।शहर के कई प्रमुख लोगों ने अपनी प्राथमिक शिक्षा इसी प्रथम विद्यालय में प्राप्त की थी। उस समय सातवीं कक्षा तक पढ़े छात्र अपनी अंतिम परीक्षा देने के बाद सरकारी स्कूलों में शिक्षक के रूप में शामिल हो रहे थे।इसी स्कूल में शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने चौथी कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की थी।
शहर में ऐसे कई उदाहरण हैं कि उस समय के कई छात्र इस स्कूल में पढ़कर उच्च शिक्षा के लिए विदेश चले गए। स्कूल परिसर और मैदान में कई राजनीतिक रैलियां और मशहूर हस्तियों की शादियां आयोजित की गई हैं। इसलिए इस ऐतिहासिक पत्थर स्कूल का स्थानीय लोगों के एक धरोहर बन गया है। शहर की ऐसी विरासत वाली इमारत वर्तमान में दयनीय स्थिति में होने से स्थानीय लोगों में व्यापक असंतोष है।


पूर्व नगरसेवक ने बताया है कि इस स्कूल भवन की समय पर मरम्मत न होने के कारण स्कूल भवन खतरनाक हो गया है, इसलिए इस भवन में स्कूल की कक्षाओं को बगल की इमारत तथा अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। और इस ऐतिहासिक इमारत को मनपा प्रशासन ने जर्जर घोषित कर बिना मरम्मत किए ही इसे शैक्षिक सामग्री के भंडारण के गोदाम में बदल दिया गया है।जो बहुत ही गंभीर मामला है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए ज्ञापन में बताया है कि दरअसल, शहर में किसी भी हेरिटेज इमारत को संरक्षित रखना स्थानीय शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है।मनपा प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर इस ऐतिहासिक इमारत की अनदेखी की है।जिसको लेकर स्थानीय लोगों में मनपा की कुव्यवस्था को लेकर चर्चाएं चल रही हैं।पूर्व नगरसेवक अरुण राउत सहित स्थानीय नागरिकों की मांग है कि इस ऐतिहासिक (विरासत) पत्थर से बने स्कूल भवन को संरक्षित करने के लिए स्कूल की मरम्मत करवाई और इसमें प्रशानिक कार्यालय अथवा पुनः स्कूल शुरू किया जाए।
पूर्व नगरसेवक अरुण राउत ने बताया कि भिवंडी मनपा के गठन के बाद इस पत्थर स्कूल की ऐतिहासिक इमारत में मनपा शिक्षा बोर्ड का कार्यालय खोला। इस कार्यालय के साथ-साथ शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष, प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षा अधिकारी के कार्यालय भी थे। इसलिए इस भवन में एक बार फिर शिक्षा बोर्ड का कार्यालय होना चाहिए।
भिवंडी नगर निगम,शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारी नितिन पाटिल ने बताया कि भिवंडी मनपा के इस ऐतिहासिक पत्थर स्कूल को निर्माण विभाग ने खतरनाक घोषित कर दिया है।साथ ही मनपा के पास इसके मरम्मत अथवा इस स्थल पर नया भवन बनाने के लिए धन नहीं है। इसलिए सरकार से इस फंड के लिए अनुरोध किया गया है।हालांकि इस संदर्भ में कई बार संपर्क करने की कोशिश के बावजूद मनपा आयुक्त अनमोल सागर ने कॉल नहीं उठाया। ,