मुंबई वार्ता संवाददाता

उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपनी राय व्यक्त की कि चुनाव के लिए मतदाता सूची के प्रकाशन से संबंधित मुद्दों में न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकता। साथ ही, यह भी कहा कि इस संबंध में दायर याचिकाओं पर मंगलवार को ही सुनवाई होगी।


उच्च न्यायालय ने स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित याचिकाओं का तत्काल निपटारा करने का आदेश दिया था। इस संबंध में उच्च न्यायालय की विभिन्न पीठों में दायर याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई सोमवार को मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंकद की पीठ के समक्ष की गई।इन याचिकाओं में मतदाता सूची के साथ-साथ आरक्षण और वार्ड पुनर्गठन का मुद्दा भी उठाया गया है।


पीठ ने स्पष्ट किया था कि मतदाता सूची से नाम हटाने या गलत तरीके से शामिल करने से संबंधित याचिकाओं पर मंगलवार को ही सुनवाई होगी। न्यायालय ने आदेश दिया था कि मतदाता सूची से संबंधित याचिकाएँ तैयार रहें और मंगलवार को उन पर बहस हो।इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पृष्ठभूमि में, मतदाता सूची से जुड़ी याचिकाओं पर पहले सुनवाई होगी। बाद में, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह वार्ड पुनर्गठन या आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिन याचिकाकर्ताओं ने सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, वे भी मंगलवार को होने वाली सुनवाई में अपनी बात स्पष्ट करें और सभी याचिकाओं को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।इस बीच, मतदाता सूची से जुड़ी याचिकाओं में कुछ नामों के गायब होने और कुछ के दोहरे नामों का मुद्दा उठाया गया है। वहीं, आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं में दावा किया गया है कि आरक्षण गलत तरीके से दिया गया था।
इसके अलावा, पुनर्गठन से जुड़ी याचिकाओं में दावा किया गया है कि पुनर्गठन प्रक्रिया के दौरान कुछ गाँवों और वार्डों को जल्दबाजी में शामिल कर लिया गया था।


