वैश्विक अस्थिरता और तनाव के माहौल में भारत एक प्रकाश स्तंभ है:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

Date:

मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वैश्विक तनाव, अस्थिरता, व्यापार व्यवधानों और आपूर्ति श्रृंखलाओं में बदलाव व व्यवधानों के बीच, भारत पूरी ताकत के साथ खड़ा है और एक प्रकाश स्तंभ की तरह आगे बढ़ रहा है। भारतीय नौवहन और व्यापार क्षेत्र का जबरदस्त गति से विस्तार हो रहा है और देश के बंदरगाह अब दुनिया के सबसे बड़े और सबसे कुशल बंदरगाहों में से एक हैं।

मोदी ने कहा कि भारत शांति, विकास और रणनीतिक आत्मनिर्भरता के पथ पर आगे बढ़ रहा है।प्रधानमंत्री मोदी ने नेस्को परिसर में आयोजित भारत समुद्री सम्मेलन में दुनिया भर के समुद्री व्यापार और नौवहन क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित किया। भारतीय नौवहन और व्यापार नीतियाँ इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं और मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा इसका एक अच्छा उदाहरण है। भारत ने नौवहन क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन किए हैं और यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर विकसित हो रहा है। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों के अनुरूप ऐसे कई नीतिगत निर्णय और सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।

सदियों पुराने समुद्री कानूनों की जगह नए समुद्री व्यापार और शिपिंग कानून लागू किए गए हैं जो आधुनिक युग के अनुरूप हैं। कई मामलों में, भारत ने विकसित देशों से बेहतर प्रदर्शन किया है। नए समुद्री कानूनों ने राज्य समुद्री बोर्डों को अधिक सक्षम बनाया है और बंदरगाह प्रबंधन में डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। देश की समुद्री नौवहन योजना में १५० से अधिक नए संशोधन या परिवर्तन लागू किए जा रहे हैं।क्रूज़ पर्यटन क्षेत्र तेज़ी से बढ़ रहा है और मालवाहक यातायात में ७०० प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं देश में जलमार्गों की संख्या तीन से बढ़कर ३२ हो गई है।

पिछले दशक में बंदरगाहों की लाभप्रदता में भारी वृद्धि हुई है। मोदी ने कहा कि शिपिंग क्षेत्र ने देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है। इस सदी के २५ वर्ष बीत चुके हैं और अगले २५ वर्ष महत्वपूर्ण हैं। आने वाले समय में हमारा ध्यान नीली अर्थव्यवस्था और सतत समुद्री विकास पर होगा।हरित लॉजिस्टिक्स प्रणालियों, बंदरगाह संपर्क और समुद्री औद्योगिक समूहों के विकास पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। यह समुद्री नौवहन सम्मेलन २०१६ में शुरू हुआ था और अब इसका स्वरूप वैश्विक स्तर पर विस्तारित हो गया है।

इस सम्मेलन में दुनिया भर के ८५ देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस सम्मेलन में करोड़ों रुपये के कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी ने बताया कि देश में पहली बार कांडला बंदरगाह पर हरित हाइड्रोजन उत्पादन सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

प्रमुख खबरे

More like this
Related

दिल्ली स्थित लाल किला के पास हुआ ब्लास्ट , मुंबई समेत सभी महत्वपूर्ण ठिकानों पर हाई अलर्ट।

श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता मुंबई पुलिस ने सोमवार को कहा...

द्विपक्षीय समुद्री संबंधों को मज़बूत करने के लिए आईएनएस सावित्री मोज़ाम्बिक पहुँची।

मुंबई वार्ता/सतीश सोनी भारतीय नौसेना का एक अपतटीय गश्ती...

आरे पुलिस स्टेशन परिसर में नव निर्मित मंदिर की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न।

मुंबई वार्ता संवाददाता गोरेगांव में आरे मिल्क कॉलोनी...

मनसे से गठबंधन पर अभी कोई चर्चा नहीं; नासिक की बैठक और कांग्रेस का कोई संबंध नहीं: हर्षवर्धन सपकाल।

मुंबई वार्ता/सतीश सोनी स्थानीय निकाय चुनावों में महाराष्ट्र नवनिर्माण...