शिक्षकों ने कहा स्कूल खुलने पर ढें चुनावी ड्यूटी संबंधित प्रशिक्षण
मुंबई (सं. भा.) चुनाव को लोकतंत्र का पर्व कहा जाता है। लोकतंत्र के पर्व रूपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। पर इस घोषणा ने शिक्षकों को परेशान कर दिया है। इस घोषणा से शिक्षको की दिवाली की छुट्टी की योजना में बाधा आ रही है। इसके चलते शिक्षक मांग कर रहे हैं कि चुनावी ड्यूटी के लिए स्कूलों में दिवाली की छुट्टी से पहले या स्कूल खुलने पर प्रशिक्षण मिले, जिससे शिक्षकों ने दिवाली की छुट्टी को लेकर पहले से जो योजनाएं बना रखी हैं, उसमें कोई बाधा नहीं आए। शिक्षक यूनियन की तरफ से चुनावी ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम दिवाली की छुट्टी में नहीं रखने की मांग की जा रही है। राज्य में 20 नवंबर को मतदान है। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों की चुनावी ड्यूटी होगी। मतदान से पहले शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी को लेकर प्रशिक्षण दिया जाना है। जबकि राज्य के स्कूलों में 25 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच दिवाली की छुट्टी है। इसलिए शिक्षकों को डर है कि उन्हें दिवाली की छुट्टी के दौरान चुनावी ड्यूटी को लेकर प्रशिक्षण के लिए नहीं बुलाया जा सकता है।
शिक्षक विधायक जे एम अभ्यंकर ने मुंबई शहर और उपनगर के जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने 55 वर्ष से अधिक उम्र के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को चुनावी कार्यों से मुक्त रखने की मांग की है। अभ्यंकर ने पत्र में लिखा है कि ऐसे कर्मचारी शारीरिक कारणों से चुनाव कार्य के दबाव को सहन करने में असमर्थ होते हैं और उनका चुनाव कार्य में शामिल होना कठिनाई भरा हो सकता है। पत्र में यह भी अनुरोध किया गया है कि दिवाली अवकाश के बाद 12 नवंबर के बाद ही शिक्षकों के लिए चुनाव से संबंधित प्रशिक्षण आयोजित किया जाए।