अगले चार सालों में बदल जाएगी मुंबई की फिल्म सिटी, मुंबई में कहीं से भी आने-जाने में लगेंगे ५९ मिनट – देवेंद्र फडणवीस।

Date:

मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

मनोरंजन की राजधानी मुंबई में फिल्म उद्योग के लिए आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया गया है और अगले चार वर्षों में मुंबई की फिल्म सिटी पूरी तरह बदल जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को यहाँ कहा कि फिल्म निर्माण से लेकर प्रदर्शन तक, फिल्म क्षेत्र के लिए आवश्यक सुविधाओं के साथ फिल्म सिटी विकसित की जाएगी।

फिक्की फ्रेम्स – अ सिल्वर जुबली ऑफ विजन’ कार्यक्रम में प्रसिद्ध अभिनेता अक्षय कुमार ने फडणवीस का साक्षात्कार लिया। इस अवसर पर फडणवीस ने मराठी और हिंदी फिल्म उद्योगों के विकास और फिल्म सिटी सहित विभिन्न सवालों के जवाब दिए। फिल्म निर्माण क्षेत्र में मुंबई का महत्वपूर्ण स्थान है और यहाँ फिल्म उद्योग के लिए आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया गया है। मुंबई शहर के पास कर्जत, मीरा-भायंदर जैसे कई स्थानों पर स्टूडियो बनाए गए हैं।

फडणवीस ने कहा कि आने वाले दिनों में फिल्म सिटी द्वारा इस बिखरी हुई फिल्म इंडस्ट्री को आधुनिक रूप देने का काम किया जाएगा।विषय-वस्तु से भरपूर और गुणवत्तापूर्ण मराठी फिल्में और मराठी नाटक दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे हैं और अपने प्रयोगों और अभिनव निर्माणों के माध्यम से और मजबूत हो रहे हैं। वो दिन गए जब मराठी फिल्मों को सिनेमा हॉल नहीं मिलते थे और अब एक ही समय में दो मराठी फिल्में रिलीज होती हैं और हाउसफुल होती हैं, फडणवीस ने नटरंग, सखाराम बाइंडर और दशावतार जैसी फिल्मों का जिक्र किया।

भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के ने मुंबई में फिल्म उद्योग की शुरुआत की थी। आज तक, अनगिनत हिंदी और मराठी फिल्मों ने अपनी भावनात्मक कहानियों से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है। उन्होंने आम दर्शकों को जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का काम किया है। अगर वर्तमान पीढ़ी को सार्थक और आकर्षक फिल्में देने का प्रयास किया जाए, तो यह पीढ़ी फिल्मों से जुड़ी रहेगी।

उन्होंने बताया कि शहर में विकास कार्यों के पूरा होने के बाद, एक व्यक्ति 59 मिनट में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँच सकेगा और इससे मुंबईवासियों का यात्रा समय बचेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

प्रमुख खबरे

More like this
Related

सेंट्रल रेल्वे के मोटरमैनो ने किया अचानक हड़ताल, स्टेशनो पर लगी यात्रियों की भीड़।

मुंबई वार्ता/सतीश सोनी सेंट्रल रेलवे के मोटरमैनों ने पद...

आशीर्वाद के संस्थापक डॉ उमाकान्त बाजपेयी नहीं रहे।

मुंबई वार्ता/राजेश विक्रांत मुंबई महानगर में राजभाषा हिंदी के...