राजन बलसाने/ मुंबई वार्ता

आषाढी एकादसी के अवसर पर कल्याण चेरीटेबल ट्रस्ट, सेंचुरी रेयान, बी.के. बिर्ला महाविद्यालय, बी.के. बिर्ला रात्रिकालीन महाविद्यालय, बी.के. बिर्ला पब्लिक स्कूल और सेंचुरी रेयान हाई स्कूल द्वारा ज्ञान दिंडी का भव्य आयोजन किया गया |


प्रकृति संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता के साथ श्री विठोवा – रुक्मिणी जी की भक्ति पर आधारित यह यात्रा बिर्ला महाविद्यालय, कल्याण के प्रांगण से प्रारंभ होकर शहाड स्थित विट्ठल मंदिर में समाप्त हुई | यात्रा का प्रारंभ सम्माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे द्वारा ज्ञान दिंडी की पूजा अर्चना के साथ हुआ |
यहाँ उपस्थित विट्ठल भक्तों को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने संत ज्ञानेश्वर और वारकरी सम्प्रदाय के महत्त्व की चर्चा की | पर्यावरण संरक्षण को केंद्र में रख कर आयोजित इस ज्ञान दिंडी को ज्ञानेश्वर की परम्परा से जोड़ते हुए उन्होंने महाविद्यालय परिवार की सराहना की और ऐसी यात्राओं को सार्थक बताया |
इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री कपिल पाटील, विधायक विश्वनाथ भोईर, कुमार आयलानी, सुलभा गायकवाड़, नरेंद्र पवार, प्रकाश भोईर, श्री प्रमोद हिन्दूराव, महाविद्यालय शिक्षा निदेशक डॉ. नरेश चन्द्र, प्राचार्य डॉ. अविनाश पाटील, डॉ. हरीश दुबे और सेंचुरी रेयोन के यूनिट हेड श्री दिग्विजय पाण्डेय आदि गणमान्य उपस्थित थे| महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री ओ.आर. चितलांगे ने रुक्मिणी – विठोवा की मूर्ति, शॉल, श्रीफल एवं तुलसी का पौधा देकर उपमुख्यमंत्री का सम्मान किया एवं उपस्थित सभी विट्ठलभक्तों का स्वागत किया|
इस यात्रा में रथ पर विराजमान विट्ठल और रुक्मिणी के साथ सजा हुआ रथ, पालकी, ढोल पथक , अनेक शिक्षण संस्थानों के लेज़िम पथक और योग पथक आदि की झाँकियाँ लोगों को विशेष आकर्षित कर रही थीं | हजारों भक्तों की भजन मंडली वारकरी कीर्तन की धुन पर थिरकते हुए आगे बढ़ रही थी | इस यात्रा में आस-पास के शिक्षण संस्थानों एवं समाजसेवी संस्थाओं के हजारों वारकरी भक्तों की सहभागिता रही |शहाड स्थित श्री बिठोवा मंदिर में प्रातः काल ही के. डी. एम सी के कमिश्नर श्री अभिनव गोयल, उल्लास नगर की कमिश्नर सुश्री मनीषा आव्हाले और श्री ओ. आर. चितलांगे द्वारा महापूजा की गई |
ज्ञातव्य हो कि यह ज्ञान दिंडी यात्रा महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री ओ.आर. चितलांगे के मार्गदर्शन में वर्ष २०१६ से आयोजित की जा रही है | यात्रा का समापन शहाड स्थित विट्ठल मंदिर में भगवान विट्ठल की आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ |