मुंबई वार्ता संवाददाता

‘जब चुनाव नजदीक आएंगे, तो उद्धव ठाकरे को मराठी लोगों की याद आएगी। अब चर्चा होगी कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की योजना है। मुंबई उनके लिए सोने के अंडे देती थी और उन्होंने इसे काटने का काम किया। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद, हमने मुंबई की सूरत बदल दी, लेकिन आपने मुंबई से मराठी लोगों को नहीं निकाला। “बेदखल करने का काम किया,” मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा।


मंगलवार को वर्ली स्थित राष्ट्रीय खेल परिसर में भाजपा का प्रदेश अधिवेशन हुआ। इस दौरान रवींद्र चव्हाण को प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, विधायक संजय उपाध्याय,केंद्रीय महासचिव अरुण सिंह, विनोद तावड़े, चुनाव पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, केंद्र और राज्य के कई मंत्री, नेता और पदाधिकारी मौजूद थे। चव्हाण ने बावनकुले से कार्यभार संभाला।
इस दौरान फडणवीस ने ठाकरे की कड़ी आलोचना की। उद्धव ठाकरे ने केवल मराठी के नाम पर राजनीति की। फडणवीस ने कहा कि हमारी सरकार ने बीडीडी चाल में रहने वाले लोगों और धारावी के गरीबों को घर देने का फैसला किया है। जबकि संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का अर्थ धर्मनिरपेक्षता नहीं, बल्कि सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस समय हिंदुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है।