मुंबई वार्ता संवाददाता
राज्य सरकार रेशम उद्योग को वन संरक्षण से जोड़ने के प्रयास कर रही है। वन विभाग तुती, ऐन और अर्जुन वृक्षों की खेती में सहायता करेगा, जो रेशम कीट पालन के लिए आवश्यक हैं।इसके अलावा, Zomato और Zepto जैसी कंपनियां अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) योजनाओं के तहत आदिवासी क्षेत्रों में तुती की खेती को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी।

वन अधिकारियों और रेशम उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे टसर रेशम कीट पालन में किसानों को आने वाली समस्याओं का समाधान करें। यदि किसी योजना के लिए फंड लंबित है, तो मुख्यमंत्री कार्यालय आवश्यक कदम उठाएगा।
■ 10,000 लाभार्थियों के लिए समग्र कार्य योजना
महिलाओं और आदिवासी समुदायों की आय बढ़ाने के लिए पांच साल की योजना बनाई गई है, जिससे 10,000 किसानों को लाभ मिलेगा।जिला वार्षिक योजना के तहत, तुती और टसर रेशम पालन करने वाले किसानों को 75% तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, अध्ययन दौरे और 15-दिन के तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।रेशम उत्पादक किसानों को प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन अनुदान, ग्रामीण रोजगार सहायता, और आधुनिक उपकरणों के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
मल्टी-एंड रीलींग यूनिट और ऑटोमैटिक रीलींग यूनिट स्थापित करने के लिए प्रति किलो ₹100 से ₹150 तक की सब्सिडी दी जाएगी।केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ मार्गदर्शन को लागू कर रही हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय आदिवासी और सूखाग्रस्त क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है।