डाॅ धीरज फूलमती सिंह/स्तंभकार/मुंबई वार्ता

शोले फिल्म का एक मशहूर सीन है। जब गब्बर, कालिया की कनपटी पर बंदूक तानते हुए कहता है,..” अब तेरा क्या होगा रे कालिया ? और कालिया बोलता है….”सरदार मैंने आप का नमक खाया है!”
तब गब्बर कहता है….”ले अब गोली खा!”


आप को पता है ? जब आप नमक खाते है तो आप से जिंदगी भी यही कहती है,…”ले अब गोली खा!”
यह बात बिल्कुल सही है। जब आप भोजन में औसत या औसत से ज्यादा नमक खाने लगते है तो आप को डाॅक्टर गोली खाने की सलाह देते है। आप को नमक खाने की वजह से जो समस्यांए उभरती है,उसके लिए आप को दवाई खानी पडती है।


भोजन में नमक का इस्तेमाल दुनियाभर में बीमारी की जड़ बनती जा रही है। आप चाहे नमक स्वादानुसार लें या कुछ ज्यादा,आप जाने अंजाने कई बिमारियों को निमंत्रण दे रहे होते है। शायद आप विश्वास न करें ? भोजन में नमक खाने की वजह से सिर्फ भारत में ही हर साल तकरीबन 15 लाख लोग असमय ही मौत की आगोश में सो जाते है। दुनिया भर में सबसे ज्यादा नमक का उपयोग हम भारतीय करते है।
मैं भोजन में ज्यादा नमक खाने की बात नही कर रहा हूँ ,मै सिर्फ स्वादानुसार नमक खाने पर ही आप का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। अपने भोजन में स्वादानुसार भी नमक का इस्तेमाल करते है तो आप शरीर में समस्याओ को आमंत्रित कर रहे होते है।
असमय ही सर के बाल झडना, किडनी में सूजन या खराबी, हृदय संबंधित अनेकों बिमारियाँ,लकवा, हृदयाघात,उच्च रक्तचाप, खून की कमी,मोटापा, गुस्सा आदी अनेकों बीमारियों की मुख्य जड भोजन में नमक का होना ही है। हड्डियां कमजोर हो जाती है, कई बार अचानक से टूट भी जाती है।
भारत की भौगोलिक स्थिती की बात करू तो आप पायेगे कि पंजाब,हरियाणा,दिल्ली,पश्चिम उत्तर प्रदेश,उत्तरी राजस्थान के लोग ज्यादा गुस्सैल होते है। इसके पीछे की एक वजह नमक भी ही है। यहां के लोग भोजन में नमक का इस्तेमाल अधिक करते है।
अधिक नमक खाने से ज्यादा प्यास लगती है,तो प्यास बुझाने के लिए आदमी ज्यादा पानी पीता है, ज्यादा पानी की वजह से किडनी पर बोझ पडता है,उसे अपनी क्षमता से अधिक कार्य करना पडता है। ऐसा कई दिनों तक लगातार होने की वजह से एक दिन किडनी फेल हो जाती है और आदमी का काम तमाम हो जाता है।
अब इसका मतलब यह नही है कि डर के मारे आप नमक खाना ही छोड दें। अगर आप ऐसा करेगे तो आप को कब्ज,मितली,उल्टी,आंव,दस्त और मरोड की समस्या होना शुरू हो जायेगी। दिमाग में सुजन की वजह से वह भ्रम की स्थिती पैदा करने लगेगा। निम्न रक्त चाप की बिमारी उभर सकती है। एक औसत व्यक्ति को रोज 3 ग्राम से भी कम नमक का सेवन करना चाहिए।
ऐसा नही है कि नमक खाने के सिर्फ नुकसान ही है। नमक को नियंत्रित स्थिती में खायें तो यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा साधन है। भोजन को स्वादिष्ट बनाने में सबसे अधिक योगदान नमक का ही होता है। नमक कोशिकाओ के अंदर और बाहर जल को नियंत्रित करके डिहाइड्रेशन की समस्या को खत्म करता है।
नमक में मौजूद सोडियम दिमाग की कोशिशों के बीच तालमेल बिठा कर याददाश्त तेज करने और एकाग्रता बढाने में मदद करता है। नमक का सेवन तनाव के स्तर को नियंत्रित करने मे मदद करता है।जिससे अवसाद जैसी घातक बीमारी का इलाज करने में सहयोग मिलता है।
नमक में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के काम आता है। नमक शरीर में थायरॉइड हार्मोंस को कंट्रोल ने बहुत काम आता है। नमक का पर्याप्त सेवन मेरोटोनीन और मेलोटानीन जैसे सोने और जागने के चक्र में शामिल तनाव पैदा करने हार्मोंस और न्यूरो ट्रांसमीटर को कंट्रोल करने में सबसे ज्यादा सहयोग करते है। उचित मात्रा में नमक का सेवन करने से पाचन क्रिया दुरूस्त रहती है।
नमक की इतनी खासियत जानकर ये ना हो कि आप पाठकगण अतिरिक्त आत्मविश्वास से लबरेज हो जायें और नमक का सेवन बेलगाम होकर करने लगे!
लेख पढते हुए शायद कुछ लोगों को गलत फहमी भी हो रही होगी कि हम तो सेंधा नमक खाते है,हम तो सुरक्षित है! आप की गलत फहमी दूर कर दूं कि सिर्फ समुद्री नमक का ज्यादा सेवन ही नुकसान दायक नही होता है बल्कि सेंधा नमक खाना भी सुरक्षित नही है। आप जान लिजिए,कोई भी नमक खाईये,चाहे वो लाल नमक हो,सेंधा नमक हो,काला नमक हो,सादा नमक हो,संमुद्री नमक हो, औसत या एक औसत से ज्यादा नमक का सेवन हमेशा नुकसान ही दायक होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि एक व्यस्क व्यक्ति को औसत 5 ग्राम नमक का सेवन करना चाहिए,जब कि आधुनिक मेडिकल साइंस कहता है कि एक समझदार व्यक्ति को 3 ग्राम से भी कम नमक का उपयोग करना चाहिए। हम सभी को नमक को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए,ताकि सेहत को लंबे समय तक दुरुस्त रखा जा सके,नमक की खपत को कम कर दें तो दुनिया में 45 लाख लोगो को असमय ही मरने से बचाया जा सकता है।
बेवक्त, बेमौत मरने से बचना है तो अपने भोजन में नमक की मात्रा को कम रखिये! अपना ख्याल रखें, स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहिये!


