श्रीश उपाध्याय/ मुंबई वार्ता

मुंबई वार्ता में खबर प्रकाशित करने के बाद नींद से जागी मुंबई महानगर पालिका ने डोंगरी पुलिस थाने में नोबल बिल्डर के ख़िलाफ़ MRTP के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन MRTP मामला दर्ज होने के 8 दिन बाद भी पुलिस की ओर से नोबल बिल्डर के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इससे शंका उत्पन्न होती है कि क्या अब नोबल बिल्डर को पुलिस बचा रही है ?


ज्ञात हो कि मुंबई शहर में जाकरिया मस्जिद स्ट्रीट में महानगर पालिका के सभी नियमों की खिल्ली उड़ाते हुए नोबल टावर नामक बहुमंजिला इमारत बनाई गई है. इस बहुमंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग की जगह पर अवैध रूप से कमर्शियल दुकान बना दी गई है. इमारत में पार्किंग के लिए बने पहले से पांचवे मंजिले तक सभी मंजिलों पर अवैध रूप से 6-6 फ्लैट बना दिया गया है. 6 ठे मंजिले पर सर्विस एरिया में अवैध रूप से 4 फ्लैट बना दिया गया है. 7th फ्लोर पर MTNL और सोसाइटी कार्यालय के लिए आरक्षित जगह पर भी एक-एक फ्लैट बना दिया गया है. 8th फ्लोर पर रिफ्यूजी एरिया में भी अवैध रूप से 3 फ्लैट बना दिया गया है. 15th फ्लोर के रिफ्यूजी एरिया में भी अवैध रूप से 2 फ्लैट बना दिया गया है. इन सभी अवैध कामों के बावजूद बिना रोकटोक के बिल्डर इस बहुमंजिला इमारत का निर्माण करता रहा है.


इस मामले में कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए महानगर पालिका प्रशासन ने गत 7 अगस्त 2024 को उक्त बिल्डर को MRTP के तहत नोटिस दे दिया है.मामले संबंधी खबर मुंबई वार्ता में 7 दिसम्बर 2024 को प्रकाशित करने के बाद चार महीने तक सोई हुई मनपा नींद से जागी और 10 दिसम्बर को डोंगरी पुलिस थाने में नोबल बिल्डर के ख़िलाफ़ MRTP के तहत मामला दर्ज कराया.
अब नोबल बिल्डर के ख़िलाफ़ MRTP के अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज हुए करीब 8 दिन बीत चुके हैं लेकिन डोंगरी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.


गौरतलब है कि मनपा B वार्ड के अंतर्गत ही डोंगरी में बनी एक अवैध बहुमंजिला इमारत अंसारी हाइट मे गत 27 नवंबर को सिलिंडर ब्लास्ट के कारण आग लग गई थी. इस इमारत में भी रिफ्यूजी एरिया पर अवैध फ्लैट्स बने होने के कारण लोगों को इमारत से सुरक्षित निकालने में अग्निशमन विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.


इस पूरे इलाके में इस प्रकार के दर्जनों अवैध टावर खड़े हैं. पहले महानगर पालिका अधिकारियों की मदद से बिल्डर अवैध बिल्डिंग बनाते हैं. कार्रवाई के नाम पर यदि किसी बिल्डर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज भी हो गया तो जाँच के नाम पर पुलिस संबंधित बिल्डर को बचाने का ठेका ले लेती है.
जब तक बिल्डर- मनपा और पुलिस का यह गोरखधंधा चलता रहेगा तब तक मुंबई मे अवैध टावर बनते रहेंगे. आए दिन आग लगने की घटना के दौरान लोग मरते रहेंगे और सरकार मूक दर्शक बनी तमाशा देखती रहेगी.


