सन 1932 में चकाला स्ट्रीट से हुई थी संस्था की शुरुआत
93 वें स्थापना दिवस पर मेडिकल सेंटर शुरू करने की योजना
वरिष्ठ संवाददाता/मुंबई वार्ता

मुस्लिम एम्बुलेंस सोसाइटी (एमएएस) की स्थापना सन 1932 में दक्षिण मुंबई के चकाला स्ट्रीट स्थित एक छोटी सी दुकान में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य जाति और धर्म के भेदभाव के बिना सिर्फ गरीब और जरूरतमंद मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना था। साथ ही मानवीय आधार पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना था।
इसके गठन में इब्राहिम हारून, अयूब हारून, उस्मान मिस्त्री, नूर मोहम्मद धियान, मोहम्मद हुसैन सुमर, अकबर अली खान और अब्दुल रहीम बच्चू सेठ ने हारून एडम एंड कंपनी की दुकान पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2 सितंबर 1932 को इसका उद्घाटन बगदाद के परम पावन पीर इब्राहिम साहब द्वारा किया गया था।
संस्था अध्यक्ष डॉ. अब्दुल रऊफ सुमर ने संस्था के 93 वर्ष पूरा होने पर एमएएस की भावी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही डंकन रोड पर साबू सिद्दीकी मेडिकल सेंटर शुरू करने की योजना बन रही है। इस्लाम जिमखाना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. अब्दुल रऊफ सुमर ने कहा कि यहां परामर्श देने वाले डॉक्टरों के साथ लैब में विभिन्न प्रकार की जांच की जाएगी।
संस्था 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा प्रदान करती है। पैरामेडिकल छात्रों के लिए नर्सिंग कॉलेज और एक इंस्टीट्यूट शुरू करने का इरादा है, जिसके लिए जगह की तलाश है। 1973 से चल रहे मुफ्त क्षय रोग केंद्र में गरीब और जरूरतमंद रोगियों को उपचार सहित मुफ्त दवाओं का पूरा कोर्स प्रदान किया जाता है। एमएएस काम्बेकर स्ट्रीट पर 1988 से डायग्नोस्टिक सेंटर और 2004 से इमामबाड़ा रोड पर 110 बिस्तरों वाला एमएच साबू सिद्दीकी मैटरनिटी एंड जनरल अस्पताल का संचालन कर रहा है।
1933 में स्थापना के एक साल बाद, मुस्लिम एम्बुलेंस विभाग ने चौपाटी पर गणपति विसर्जन के दौरान अपनी सेवाएं दी थी। इस अवसर पर उपाध्यक्ष अनवर पिशोरी, इब्राहिम कोलसावाला, नफीसा दरवेश, तनवीर हावा, रेशमा बगाड़िया, सिराज चना वाला और इकबाल मोलेडीना आदि उपस्थित थे।