● मंगल प्रभात लोढ़ा , हार्दिक हुंडीया और पृथ्वीराज कोठारी का सम्मान .
मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

साधु भूल करे तो श्रावक सुधारे और श्रावक भूल करे तो साधु सुधारे, लेकिन दोनों भूल करे तो कौन सुधारे ? इस सवाल का जवाब देते हुए परम पूज्य हितेश चंद्र विजय जी महाराज ने कहा कि इनका जवाब संघ है ।


उन्होंने कहा कि जैन धर्म में संघ महान है । इसकी रचना तीन लोक के नाथ देवाधिदेव परमात्मा भगवान महावीर स्वामीजी ने की थी । परम कृपालु परमात्मा के अनमोल संदेश “सवी जीव करू शासन रशी,” की उत्कृष्ट भावना भाने वाले हितेश चंद्र विजय , निलेश चंद्र विजय अन्य मुनि महाराज , साध्वीजी महाराज चातुर्मास के लिये पधारे है ।
कमाठीपुरा संघ ने भव्य चातुर्मास प्रवेश कराया । हार्दिक हुंडिया ने कहा कि चार महीना धर्म ध्यान करके पुण्य कमाने का अनमोल अवसर है । हितेश विजय जी के शिष्यों में धर्म प्रति जो खुमारी है वो वंदनीय है । नीलेश चंद्र विजय इनकी अनमोल पहचान है । धर्म में कहीं भी अन्याय होता है तो निलेश चंद्र विजय वहाँ पहुँच कर आवाज़ उठाते है ।
हार्दिक हुंडीया ने कहा की स्वयं की आत्मा के कल्याण के साथ साथ हमारी आत्मा का भी कल्याण करने वाले , जिनके नाम में भी सभी का हीत है , ईश्वर के आराधक भी है ऐसे महान संत को राष्ट्रीय संत की पदवी जल्द गाजे बाजे के साथ सकल संघ की हाजिरी में दी जायेगी ।
महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा , मोहन खेड़ा ट्रस्ट के अग्रणी सुजानमल शेठ , पृथ्वीराज कोठारी , हार्दिक हुंडिया का सम्मान किया गया । डीसा के प्रसिद्ध बेंड अजंता बेंड , संगीत कार नरेंद्र वाणी गोता ने भक्ति के साथ कार्यक्रम संचालन भी किया । रमेश शाह , चंपालाल वर्धन , मंजू लोढ़ा और देश के कई राज्यो से आए भक्तों ने चातुर्मास प्रवेश में हाजरी दी ।