भायंदर पश्चिम की 103 हेक्टर जमीन को वनक्षेत्र से रहिवासी जोन घोषित करने की मांग।

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मुंबई वार्ता संवाददाता

वनविभाग नियमों के चलते विकास काम प्रभावित -एड. रवि व्यास मीरा भायंदर -भायंदर पश्चिम में वन विभाग की जमीन पर बसें हज़ारों नागरिकों को सरकारी आदेश और अड़चनो के चलते मूलभूत सुविधाओं ख़ासकर शौचालय जैसी अतिआवश्यक जरूरत की समस्या और दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है और नारकीय जीवन जीने को मज़बूर होना पड़ रहा है।

दरअसल महानगरपालिका के वार्ड क्रमांक 1 के अंतर्गत आने वाले गणेश देवल नगर,गणेश आनंद क्रांति नगर, जय अंबे नगर,नेहरू नगर, लालबहादुर शास्त्री नगर,मुर्धा वा रेव आगार परिसर में हज़ारों झुग्गी बस्तीयाँ है जहाँ पिछले 35 -40 सालों से बड़ी संख्या में लोग रहते है। जहाँ उन्हें सरकारी पानी, बिजली, रास्ते, स्कूल, सार्वजनिक शौचालय जैसी सुविधा भी उपलब्ध कराई गयी है. लेकिन इसी क्षेत्र के सर्वे क्रमांक 342/1 के अंतर्गत तक़रीबन 103 हेक्टर जमीन सरकारी रिकॉर्ड में वनभूमि, सीआरजेड,और मंग्रोव बफर जोन में दर्ज़ होने के चलते नागरिकों को कई गंभीर दिक्कतों से दो – चार होना पड़ता है।

जनता की इसी गंभीर समस्या और अड़चन को देखते हुए भाजपा नेता 145 मीरा भायंदर विधानसभा चुनाव प्रमुख एड. रवि व्यास ने राज्य के वनमंत्री गणेश नाईक को पत्र लिखकर इन समस्याओं से अवगत कराया है और विस्तृत जानकारी देते हुए इस 103 हेक्टर जमीन को प्रत्यक्ष स्थिति के आधार पर वनक्षेत्र से हटाकर रहिवासी जोन घोषित करने की मांग की है।

रवि व्यास का कहना है की इस आरक्षित भूमि के चलते लोगों को सरकारी कागजात से लेकर सरकारी सुविधा का लाभ लेने तक में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. यहाँ तक की नियमों का हवाला देकर सार्वजनिक शौचालय का पुनर्निर्माण और दुरुस्तीकरण का काम भी रोक दिया गया है जिससे बदहाल शौचालय के लिए बच्चों और ख़ासकर महिलाओं के लिए इसका उपयोग दूभर हो गया है.उन्हें खुले में शौच के लिए जाने पर मज़बूर होना ना सिर्फ अमानवीय है बल्कि स्वच्छ भारत अभियान और संविधान से मिले मूलभूत अधिकारों का भी उल्लंघन है।

रवि व्यास ने वनमंत्री गणेश नाईक से मांग की है कि इस जमीन को वनभूमि आरक्षण से हटाकर इसे कायम रहिवासी जोन घोषित किया जाए और नये विकास प्रारूप (डीपी प्लान ) में संशोधित कर शामिल किया जाए. रवि व्यास ने निवेदन किया है की फिलहाल वनविभाग और एमबीएमसी अधिकारियों की संयुक्त टीम के जरिये निरीक्षण कर शौचालय की दुरुस्ती और निर्माण को मंजूरी दी जाए और पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोगों को मूलभूत सुविधा भी अविरत मिलती रहें ऐसी प्रयायी व्यवस्था तैयार की जाए।

रवि व्यास ने स्पष्ट किया है की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था, पर्यावरण की रक्षा और नागरिक सुविधा इन तीनों चीजों में एक सामंजस्य निर्माण करना सरकार और सबकी नैतिक जिम्मेदारी और जवाबदेही और इसलिए सरकार को इन पहलू को ध्यान में रखते हुए उचित और तत्काल कदम उठाने चाहिए. रवि व्यास ने विश्वास जताया है की सालों से रह रहें लाखों नागरिकों की इस समस्या को लेकर संवेदनशील भाजपा सरकार उचित और जल्द निर्णय लेगी.

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