● तीसरे बेड़े के सहायक जहाज़ों (FSS)* का ‘कील बिछाने’ समारोह .
मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

09 जुलाई को मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक और भारतीय नौसेना, एचएसएल और मेसर्स एलएंडटी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भारतीय नौसेना ने अगस्त 2023 में *पाँच बेड़े के सहायक जहाज़ों (FSS)* के अधिग्रहण के लिए एचएसएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिनकी डिलीवरी 2027 के मध्य में शुरू होगी।सार्वजनिक-निजी भागीदारी की ताकत का प्रदर्शन करते हुए, एचएसएल ने देश की जहाज़ निर्माण क्षमता का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और डिलीवरी के लिए कठोर समय-सीमा को पूरा करने के लिए मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली को दो जहाजों के निर्माण का उप-अनुबंध दिया है।
नौसेना में शामिल होने पर, एफएसएस समुद्र में बेड़े के जहाजों की पुनःपूर्ति के माध्यम से भारतीय नौसेना की *’ब्लू वाटर’* क्षमताओं को मज़बूत करेगा। *40,000 टन* से अधिक विस्थापन वाले ये जहाज ईंधन, पानी, गोला-बारूद और भंडार ले जाएँगे जो समुद्र में बेड़े के दीर्घकालिक और निरंतर संचालन को सक्षम बनाते हैं, जिससे इसकी पहुँच और गतिशीलता में वृद्धि होगी।अपनी द्वितीयक भूमिका में, ये जहाज प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कर्मियों को निकालने और राहत सामग्री के शीघ्र वितरण हेतु *मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर)* कार्यों के लिए सुसज्जित होंगे।स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित यह युद्धपोत भारतीय ओईएम से प्राप्त उपकरणों से सुसज्जित है।
यह प्रतिष्ठित परियोजना भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगी और यह भारत सरकार की _*आत्मनिर्भर भारत*_, *मेक इन इंडिया* और *मेक फॉर द वर्ल्ड* जैसी पहलों का एक सच्चा समर्थक है।


