भारत ने रद्द की राफेल डील।

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■ SU-57 फाइटर डील से अमेरिका-फ्रांस को करारा झटका |

सुधीर शुक्ला/ वरिष्ठ पत्रकार/मुंबई वार्ता

भारत ने दुनिया को चौंकाते हुए एक ऐसी डील फाइनल कर दी है, जिसने अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों की नींद उड़ा दी है। जी हां, रूस के साथ भारत ने फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट SU-57 की डील को फास्ट ट्रैक रूट पर अंतिम मंजूरी दे दी है।

ओपरेशन सिन्दूर के दौरान फ़्रांस ने भारत को राफेल का सौरसे कोड देने से मन कर दिया था। भारत ने तभी फैसला कर लिया था कि हमें मेक इन इंडिया की तरफ ही जाना चाहिए । सु 57 में हम अपने स्वदेशी मिसाइल अस्त्र ३ और कई और वेपन्स लगा सकते है। पहले अमेरिका के F-35 और फिर फ्रांस के 26 मरीन राफेल जेट्स को दरकिनार कर भारत ने ये साफ कर दिया है कि वो अब किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए निर्णय ले रहा है।

■ ग्राफिक फ़्रांस का सौर्स कोड न देना पड़ा भारी

इस डील के पीछे सबसे बड़ी वजह रही फ्रांस का सोर्स कोड देने से इनकार। भारत चाहता था कि राफेल जेट्स में वो अपने वॉरहेड्स और मिसाइल्स जैसे ‘अस्त्र’, ‘नाग’ और ‘गौरव’ का इस्तेमाल कर सके लेकिन फ्रांस ने इसे नकारते हुए, भारत के आत्मनिर्भर रक्षा अभियान को एक बड़ा झटका दिया। अब भारत ने पलटवार किया है। भारत ने राफेल-M डील रद्द कर दी है, और इसकी जगह 36 SU-57 मरीन वेरिएंट्स लेने का फैसला कर लिया है। और यही नहीं – SU-57 का यह वर्जन होगा वर्टिकल लिफ्ट कैपेबल, यानी इसे रनवे की जरूरत नहीं।

भारतीय नौसेना अब इसे सीधे अपने छोटे-बड़े जहाजों से ऑपरेट कर सकेगी। जिसकी वजह से भारतीय नेवी पाकिस्तान तो छोडिये चीन से कोसों आगे होगा।

ग्राफिक SU 57 बनेगा भारत की ताकत यानी अब भारत के पास न केवल एयरफोर्स के लिए 42 SU-57 होंगे, बल्कि नेवी के लिए भी 36 SU-57 तैयार होंगे – वो भी भारत में ही बने, ‘मेक इन इंडिया’ के तहत। और अमेरिका, जो F-35 की डील को लेकर उम्मीद लगाए बैठा था, भारत ने उसे भी खारिज कर दिया है। ट्रंप सरकार भले भारत को झुकाना चाह रही हो, लेकिन भारत ने ये दिखा दिया कि वो स्वाभिमान से समझौता नहीं करेगा।

ग्राफिक ग्लोबल डिफेन्स पॉवर भारत अब सिर्फ रक्षा सामान का ग्राहक नहीं, बल्कि ग्लोबल डिफेंस पावर बन रहा है। रूस के साथ मिलकर भारत SU-57 मरीन को अपने यहां ही बनाएगा और यहीं से एक नया युग शुरू होगा – आत्मनिर्भर भारत का, शक्तिशाली भारत का।

इसका अनुभव हमें हमारे स्वदेशी ट्विन इंजन डेक फाइटर जेट यानि टी ई डी ऍफ़ के भी काम आएगा । हुआ न एक तीर से दो निशाना । अब भारत को कोई नहीं रोक सकता।

भारत ने रूस के साथ SU-57 फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट की डील को फास्ट ट्रैक पर फाइनल करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है। वहीं, फ्रांस के राफेल-Marine डील को भारत ने कैंसिल कर दिया है और अमेरिका के F-35 ऑफर को ठुकरा दिया है।अर्थात अब भारत पूरी तरह से रूस की ओर शिफ्ट हो रहा है।

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