● पुलिस महकमा केस दर्ज करने के बाद भी बच्चों का पता लगाने में असफल,अभिभावकों में दहशत।
मुंबई वार्ता संवाददाता/भिवंडी

भिवंडी से नाबालिग लड़कियों के लापता होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है।पिछले चार दिनों में शहर से 5 नाबालिग बच्चे गायब हो चुके है।जबकि 20 दिनों में दर्जनभर बच्चों के अपहरण का केस पुलिस ने दर्ज किया है,लेकिन इनका पता लगाने में पुलिस की असफलता से अभिभावकों में भय व्याप्त है।
पुलिस महकमे का कहना है कि प्रेम प्रसंग के कारण ज्यादातर लड़की घर से खुद गायब हो जाती है। पुलिस के अनुसार भिवंडी शहर के नारायण कंपाउंड में रहने वाला 16 वर्षीय नाबालिग लड़का 19 मार्च को रात में 9.30 बजे घर से बाहर गया था।जो पुनः घर वापिस नहीं लौटा।परिजनों के काफी तलाश के बाद भी जब बच्चे का कुछ पता नहीं चला तो परिजनों ने उसके अपहरण का केस शांतिनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया है।
इसी तरह स्थानीय हलवापाड़ा इलाके में रहने वाला 16 वर्षीय लड़का अचानक 19 मार्च को शाम 7 बजे घर के पास से गायब हो गया।उसके परिजनों ने उसकी तलाश के बाद नारपोली पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाया है।
वलगांव की रहने वाली 17 वर्षीय नाबालिग लड़की 20 मार्च को सुबह 9 बजे घर से बाहर गई थी।जो वापिस नहीं लौटी।परिजनों का आरोप है कि उसके बचपना का फायदा उठाकर अज्ञात अपहरणकर्ता ने उसका अपहरण कर लिया है।परिजनों की शिकायत पर नारपोली पुलिस ने बच्ची के अपहरण का केस दर्ज कर उसकी तलाश में जुट गई है।इस घटना से पहले शांतिनगर इलाके से एक 9 वर्षीय बच्ची के अपहरण करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।जो 18 मार्च 2024 की शाम लगभग 4 बजे घर के पास गली में खेल रही थी।जिसे अज्ञात आरोपी ने बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। उसके पिता ने शांतिनगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया है।
इसी तरह से 17 मार्च सुबह करीब 4:30 बजे सुमारस साहिल होटल, नूर बेकरी के पास से 17 वर्षीय लड़का सुबह होटल के पास बिस्कुट लेने गया था। किन्तु देर रात वापस नहीं लौटा।जिसके बाद परिजनों ने भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में अपहरण का केस दर्ज कराया है।
◾प्रेम प्रसंग, सोशल मीडिया की अधिकता और माता-पिता की उपेक्षा प्रमुख कारण
◾पुलिस उपायुक्त मोहन दहिकर ने कहा बच्चों को व्यवहार में लेकर सार्थक चर्चा जरूरी
पुलिस उपायुक्त मोहन दहिकर ने बताया कि लड़कियों के लापता होने के पीछे प्रेम प्रसंग, सोशल मीडिया की अधिकता और माता-पिता की उपेक्षा प्रमुख कारण हैं। जिनमें एक या दो असाधारण मामलों को छोड़कर बाकी सभी लापता लड़कियों को काउंसलिंग के बाद घर वापस भेज दिया गया है । गुमशुदा बच्चियों का पता लगाने के बाद महिला पुलिस अधिकारियों और काउंसलरों की मदद से समझा कर बच्चियों को घर भेजा जाता है। इस काम में महिला सतर्कता टीम की मदद ली जाती है। शहर में लड़कियों के लापता होने के मामले बहुत कम होते हैं और लड़कियों के गायब होने के पीछे प्रेम प्रसंग मुख्य कारण होता है।
भिवंडी पुलिस उपायुक्त ने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उनके साथ प्यार से पेश आना और उन्हें समझना और अपने बच्चों के साथ संवाद करना महत्वपूर्ण है। कई मामलों में बच्चों से संवाद की कमी होती है और काउंसलिंग के दौरान अंदाजा लगाया जाता है कि ऐसी घटनाएं बच्चों द्वारा सोशल मीडिया मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण हो रही हैं । यदि आप अपने बच्चों के व्यवहार में कोई बदलाव देखते हैं, तो उन्हें विश्वास में लेना और उनके साथ चर्चा करना महत्वपूर्ण है। माता-पिता को खुद पहल करनी चाहिए। उनका दोस्त बनना चाहिए और उनके जीवन पर गौर करना चाहिए ।