● पूर्व नगरसेविका की स्मारक बनाने की मांग पर मनपा उपायुक्त ने दिया अजीबोगरीब जवाब, फैली नाराजगी
मुंबई वार्ता संवाददाता

भिवंडी मनपा क्षेत्र में “छत्रपति संभाजी महाराज” का स्मारक बनाने के लिए शहर के नए विकास प्रारूप में कोई जगह उपलब्ध नहीं है,इसलिए महराज के स्मारक के लिए जगह उपलब्ध कराना संभव नहीं है।इस प्रकार का गैर जिम्मेदाराना जवाब मनपा के उपायुक्त बालकृष्ण क्षीरसागर ने दिया है।जिसे लेकर मनपा प्रशासन के प्रति शिवभक्तों में घोर आक्रोश फैल गया है।


भिवंडी मनपा वार्ड क्रमांक 18 अ की पूर्व नगरसेविका कामिनी रवींद्र पाटील ने मनपा आयुक्त को 27फरवरी 2025 को एक ज्ञापन देकर हिंदवी स्वराज्य के दूसरे छत्रपति राजा “छत्रपति संभाजी महाराज” का स्मारक शहर में स्थापित करने की मांग की थी।
उन्होंने ज्ञापन में बताया था कि छत्रपति संभाजी महाराज का जन्म 14 मई 1657 को पुरंदर किले में हुआ था।जो महाराष्ट्र के आराध्य देव “छत्रपति शिवाजी राजे भोसले” के ज्येष्ठ पुत्र और मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति थे। छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन के बाद 16 जनवरी 1681 को छत्रपति संभाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था। इसके बाद उन्होंने अपने जीवन में 120 युद्ध लड़े और उनमें से एक भी युद्ध नहीं हारे। उन्होंने औरंगजेब की विशाल सेना का सामना करते हुए मुगलों को पराजित किया।1689 में, छत्रपति संभाजी महाराज को षड्यंत्र रचकर यातनाएँ देकर गिरफ्तार किया गया और उन्हें यातनाएँ देकर मार डाला गया।वे एक कुशल सेनानी और रणनीतिकार थे। उन्होंने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया और मुगलों को कड़ी टक्कर दी। वे स्वराज्य के कट्टर समर्थक, वीरता और पराक्रम के प्रतीक और प्रेरणास्रोत हैं। छत्रपति संभाजी महाराज की गाथा महाराष्ट्र के कोने-कोने तक पहुँचे, इसके लिए महाराष्ट्र के एक शहर का नाम छत्रपति संभाजी महाराज नगर रखा गया है और अन्य तालुकों में भी महाराज के नाम पर चौक और स्मारक स्थापित किए गए हैं।लेकिन छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में इतिहास बहुत कम लोग जानते हैं। महाराज का इतिहास सभी तक पहुँचे, इसके लिए मनपा की सीमा में “छत्रपति संभाजी महाराज” का स्मारक स्थापित करने की मांग पूर्व नगरसेविका कामिनी पाटील ने की थी।
उनके पत्र का जवाब मनपा उपायुक्त बालकृष्ण क्षीरसागर ने बहुत ही गैरजिम्मेदाराना तरीके से दिया है।उन्होंने पूर्व नगरसेविका को भेजे जवाब पत्र में बताया है कि भिवंडी शहर की नई प्रारूप विकास योजना 12 सितंबर 2023 को प्रकाशित हुई है।इस विकास योजनाओं में स्मारक निर्माण के लिए किसी भी प्रकार का कोई जगह आरक्षण नहीं दर्शाया गया है।इसलिए हिंदवी स्वराज्य के दूसरे छत्रपति संभाजी महाराज का स्मारक निर्माण करने के लिए शहर में जगह देना संभव नहीं है।