मंत्री नितेश राणे का काम राज्य में कानून, व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना है: हर्षवर्धन सपकाल.

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●आलोचना देवेंद्र फडणवीस प्रशासन की, माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है!

●क्या सत्ताधारी पार्टी अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए औरंगजेब की कब्र का मुद्दा उठा रही है?

मुंबई वार्ता संवाददाता

देवेन्द्र फडणवीस सरकार में मंत्री नितेश राणे लगातार कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने और सामाजिक दरार पैदा करने का काम कर रहे हैं। जो लोग किसी और का घर जलाने की बात करते हैं , उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि एक दिन उनके घर में भी आग लग सकती है। महायुति सरकार पर यह करारा हमला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने किया है।

उन्होंने कहा कि जब भी बीजेपी सरकार को अपनी नाकामी छुपानी होती है तो उन्हें औरंगजेब की कब्र की याद क्यों आती है? क्योंकि यह सब सरकार की नाकामियों को छुपाने के लिए किया जा रहा है। सपकाल ने कहा कि कहा कि महायुति सरकार लाडली बहनों से किया गए वादे को नहीं निभा पा रही है। साथ ही राज्य में महिला अत्याचार, बेरोजगारी और किसान आत्महत्या जैसे मुद्दे अहम है । लेकिन इन मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए औरंगजेब की कब्र का मुद्दा उठाया जा रहा है।

मंगलवार को दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर जो बयान दिया है, उस पर आज भी कायम हूं। मैंने देवेंद्र फडणवीस की तुलना एक व्यक्ति के रूप में औरंगजेब से नहीं की, मैंने उनके प्रशासन की तुलना की है। हम औरंगजेब को क्रूर इसलिए कहते हैं क्योंकि वह निर्दयी और विनाशकारी था। उसी तरह फडणवीस के कार्यकाल में आपराधिक प्रवृति के लोग सक्रिय हो गए हैं। संतोष देशमुख की निर्मम हत्या कर दी गई। स्वारगेट डेपो में एक महिला के साथ दुष्कर्म किया गया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री की बेटी से छेड़छाड़ के साथ महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। सरपंच संतोष देशमुख की हत्या ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सपकाल ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई अभद्र भाषा या अपशब्दों का प्रयोग नहीं किया, इसलिए उस बयान को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है। सपकाल ने आगे कहा कि सवाल यह भी उठता है कि क्या औरंगजेब का महिमामंडन करने वाला गिरोह भाजपा प्रायोजित है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी ऐसा महसूस हुआ कि उन्हें औरंगजेब कहा जा रहा है, इसलिए उन्होंने सदन में पूरे जोश के साथ बात की। यद्यपि उनके भाषण की विषय-वस्तु धमकी पूर्ण नहीं थी, फिर भी वह धमकी से भरी लग रही थी । अजित पवार ने भी इसी तरह का रुख अपनाया है। सपकाल ने कहा मेरे पास 70-75 हजार करोड़ रुपये नहीं हैं, क्योंकि मैं अपने चचेरे भाई के कंधों पर बैठकर राजनीति नहीं कर सकता। मेरे पास एक भी चीनी कारखाना नहीं है। मुझे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जो काम दिया गया है उसे मुझे वैचारिक तरीके से पूरा करना है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के एक सांसद ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी पिछले जन्म में शिवाजी महाराज थे। अब भविष्य में कोई कहेगा कि देवेंद्र फडणवीस पिछले जन्म में शिवाजी महाराज थे तो क्या यह शिवाजी महाराज का अपमान नहीं है? लेकिन राज्य में अपमान करने और संरक्षण पाने की यह प्रथा चल रही है। ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब की कब्र के संबंध में जो रुख अपनाया, वही रुख उन लोगों के खिलाफ अपनाया जाना चाहिए जो अंग्रेजों के सेवक थे जो पेंशन लेते थे । जिन्होंने देश को स्वतंत्रता प्राप्त करने से रोकने के लिए काम किया और जो छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम करते हैं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों की मूर्तियां और स्मारक राज्य में हैं और सरकार को इस मामले पर भी अपना पक्ष साफ़ करना चाहिए।

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