
मुंबई वार्ता
महाराष्ट्र के जालना, पालघर और कन्नड में एकनाथ शिंदे गुट के नेताओं पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगा है. इनके खिलाफ अब कार्रवाई की गई है.
शिवसेना ने अपने तीन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है. इन तीनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप हैं.
शिवसेना ने जालना में मोहन अग्रवाल, पालघर में प्रकाश निकम और कन्नड में केतन काजे को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है.महायुति में बंटवारे के तहत पालघर, जालना और कन्नड सीट शिवसेना को मिली है. 2019 के विधानसभा चुनाव में जालना से कांग्रेस के कैलाश किशनराव गोरंटयाल ने चुनाव जीता था. अविभाजित शिवसेना के श्रीनिवास वांगा ने पालघर से चुनाव जीता था. जबकि कन्नड सीट भी अविभाजित शिवसेना के पास गई थी और उदय सिंह राजपूत ने चुनाव जीता था. पालघर, जालना और कन्नड से इन्हें दिया गया है टिकट .इस बार पालघर से शिवसेना ने राजेंद्र गावित, जालना से अर्जुन खोटकर और कन्नड सीट से संजना जाधव को टिकट दिया है.
अर्जुन खोटकर विधानसभा पार्षद और मंत्री भी रहे हैं. राजेंद्र गावित शिवसेना के सांसद रहे हैं. उन्होंने 17वीं लोकसभा में पालघर सीट का प्रतिनिधित्व किया था.टिकट बंटवारे के बाद हुई बगावत से शिवसेना भी अछूती नहीं हैं. इसके बगावती नेताओं ने भी नामांकन दाखिल कर दिया था. हालांकि इनमें से आठ नेताओं को शिवसेना मनाने में कामयाब रही जिन्होंने नामांकन वापस ले लिया.
एक दिन पहले 10 नेताओं को शिंदे गुट ने किया था सस्पेंडबता दें कि एक दिन पहले शिवसेना ने कल्याण से अपने एक नेता महेश गायकवाड और नौ अन्य सदस्यों को सस्पेंड कर दिया था. इन पर भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप हैं. महेश गायकवाड उस वक्त चर्चा में आए थे जब बीजेपी के विधायक गनपत गायकवाड ने हमला कर दिया था. महेश गायकवाड पर उल्हासनगर पुलिस थाने में गोली चला दी गई थी. दोनों के बीच पुरानी रंजिश की बात सामने आई थी. वहीं, शिवसेना की सहयोगी बीजेपी ने कल्याण मंडल के अपने अध्यक्ष वरुण पाटील को छह वर्षों के लिए सस्पेंड कर दिया है.