■ राहुल गांधी ने डॉ. संपदा मुंडे के परिवार से फोन पर की बातचीत, न्याय की लड़ाई में साथ देने का दिया आश्वासन।
मुंबई वार्ता संवाददाता

बीड जिले की युवा डॉक्टर संपदा मुंडे की आत्महत्या दरअसल आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है, ऐसा कहना गलत नहीं होगा। डॉक्टर संपदा ने दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर अपनी जान दे दी। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की जानी चाहिए और हाई कोर्ट के न्यायाधीश की देखरेख में जांच कराई जानी चाहिए। साथ ही भाजपा के पूर्व सांसद रणजीतसिंह नाईक निंबालकर को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए, ऐसी मांग महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने की है।


आज कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ ने बीड जिले के कवडगांव में जाकर फलटण की दिवंगत डॉक्टर संपदा मुंडे के परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री अशोकराव पाटिल, भारतीय युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानू चिब, महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष संध्या सव्वालाखे, युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष शिवराज मोरे, मुंबई युवा काँग्रेस अध्यक्ष जीनत शबरीन, बीड जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राहुल सोनवणे आदि उपस्थित थे।


लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी फोन पर पीड़ित डॉक्टर की मां और मुंडे परिवार के सदस्यों से बात कर उनका हालचाल लिया। उन्होंने कहा – “डरिए मत, हम आपके साथ हैं। डॉक्टर संपदा मुंडे को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाएगी।”
राहुल गांधी ने संपदा के परिवार और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल से इस मामले की पूरी जानकारी भी ली।मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि डॉक्टर संपदा मुंडे पर गलत काम करने का दबाव डाला जा रहा था, उनका लगातार उत्पीड़न किया गया। नाईक निंबालकर की गुंडागर्दी के कई मामले पहले भी सामने आए हैं। इस घटना की पराकाष्ठा यह है कि जांच शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रणजीतसिंह निंबालकर को खुली क्लीन चिट दे दी – यह बेहद निंदनीय और आक्रोशजनक है।
उन्होंने कहा कि जांच फलटण के बाहर कराई जाए और किसी उच्च पदस्थ महिला अधिकारी की नियुक्ति की जाए। कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी, बल्कि डॉक्टर संपदा मुंडे को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरेगी। दिल्ली में कल ही युवक कांग्रेस ने आंदोलन किया है और महिला कांग्रेस भी इस मुद्दे पर राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने आगे कहा कि इस मामले में महिला आयोग की भूमिका भी निराशाजनक और चिंताजनक है।
आयोग को पहले पीड़ित परिवार से मिलकर सच्चाई जाननी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने पहले पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर मामले को दबाने का प्रयास किया। महिला आयोग का कर्तव्य है कि वह महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय पर कार्रवाई करे, परंतु उन्होंने पुलिस की पैरवी की।डॉ. संपदा मुंडे जिस समाज से आती हैं, उस समाज के कोई भी जनप्रतिनिधि अब तक नहीं बोले।
बीड जिले में पहले हुई घटनाओं के समय सत्ताधारी दल के एक विधायक हर दिन मीडिया के सामने आकर बयान देते थे, परंतु अब वे चुप हैं। पंकजा मुंडे मौन हैं – उन्हें मुख्यमंत्री के दबाव से मुक्त होकर बोलना चाहिए। मुंबई की कुछ सामाजिक कार्यकर्ता जो कई मुद्दों पर मुखर रहती हैं, उन्होंने भी इस विषय पर मौन धारण किया है।
हर्षवर्धन सपकाळल ने कहा, “नारायण गढ़ और भगवान गढ़ के महंतो से हमारी बिनती है कि वे आगे आएं और इस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में सहयोग करें।”


